मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में एक विवादित पार्षद अनवर कादरी उर्फ ‘डकैत’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत देते हुए प्रशासन को खुली छूट दे दी है। सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “डकैत हो या डकैत का बाप हो, सबसे निपटना आता है।”
सीएम का यह बयान लव जिहाद के एक मामले के बाद आया जिसमें दो मुस्लिम युवकों पर आरोप है कि वे हिंदू युवतियों को फंसाने के लिए कादरी से आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहे थे।

लव जिहाद में फंडिंग के गंभीर आरोप
हाल ही में बाणगंगा थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, अनवर कादरी पर दो युवकों को हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर शादी के लिए एक लाख और दो लाख रुपये की रकम देने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में कादरी को फरार घोषित करते हुए उस पर 10,000 रूपये का इनाम भी घोषित कर दिया है।
सिमी से संबंधों की भी जांच
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी कादरी पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि उसके प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से संबंधों की शिकायतें पूर्व में भी मिल चुकी हैं। मंत्री ने संकेत दिए कि यदि आवश्यक हुआ तो “बुलडोजर” जैसी कड़ी कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे।
खतरे में पार्षदी
महापौर पुष्यमित्र भार्गव और नगर निगम प्रशासन ने कादरी की पार्षदी को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है। निगम एक्ट के तहत यदि दो-तिहाई पार्षद कदाचार और अनुचित आचरण के आधार पर प्रस्ताव पारित करते हैं तो संभागायुक्त उसे संज्ञान में लेकर नोटिस जारी कर सकते हैं और पार्षदी समाप्त करने का निर्णय ले सकते हैं।
बीजेपी नेताओं ने खोला मोर्चा
सबसे पहले नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा और फिर भाजपा नेता शैलेंद्र महाजन ने भी कादरी की गिरफ्तारी और रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की मांग की। मिश्रा ने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर से लेकर कलेक्टर तक पत्र लिखे थे।
कादरी पर दर्ज हैं 19 आपराधिक मामले
कादरी का आपराधिक इतिहास चौंकाने वाला है। उस पर 1996 से अब तक 19 केस दर्ज हैं, जिनमें डकैती, हत्या के प्रयास, दंगा, आम्र्स एक्ट, वसूली, सरकारी कार्य में बाधा, और हालिया पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने जैसे मामले शामिल हैं।
- 1996 महाकाल उज्जैन – डकैती
- 1997 खजराना और संयोगितागंज – मारपीट, आम्र्स एक्ट
- 1998 जूनी इंदौर और खजराना – मारपीट, धमकी
- 2002 संयोगितागंज – हत्या का प्रयास
- 2006 संयोगितागंज – मारपीट, धमकी
- 2009 हत्या का प्रयास, दंगा
- 2010 सदर बाजार – दंगा
- 2014, 2019 चंदननगर – नगर निगम एक्ट
- 2020 सदर बाजार – धमकी
- 2022 सराफा – सरकारी काम में बाधा
- 2024-25 सदर बाजार व बाणगंगा – घर में हमला, लव जिहाद फंडिंग
कादरी को ‘डकैत’ क्यों कहा जाता है?
कादरी को ‘डकैत’ क्यों कहा जाता है, इसका जवाब भी उसके अतीत में छिपा है। 1996 में उज्जैन में डकैती के केस के बाद उसका नाम ‘डकैत’ पड़ा और समय के साथ यह नाम उसकी पहचान बन गया। उसके खिलाफ लगातार वसूली, धमकी और हिंसक गतिविधियों की शिकायतें मिलती रही हैं।