Mahalakshmi Rajyog : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना गया है। चंद्रमा करीब ढाई दिन तक एक राशि में रहते हैं और ढाई दिन के बाद वह दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में किसी न किसी ग्रह के साथ हमेशा उनकी युति बनी रहती है। जिससे शुभ और अशुभ राजयोग का निर्माण राशियों के जीवन को प्रभावित करता है।
बता दे कि चंद्रमा जून के अंत में सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। यहां मंगल पहले से विराजमान है। ऐसे में मंगल और चंद्रमा की युति होगी। चंद्र मंगल योग का निर्माण होगा, जिसे “महालक्ष्मी राजयोग भी कहा जाता है। इस राजयोग का निर्माण होते ही सुख, समृद्धि, कलात्मक क्षेत्र में उन्नति सहित बिजनेस, नौकरी में लाभ मिलता है।

महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण
वैदिक पंचांग के अनुसार चंद्रमा 29 जून को सुबह 6:33 पर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे और 1 जुलाई तक इसी राशि में रहेंगे। करीब 54 घंटे मंगल के साथ युति में आने के बाद वह दूसरों राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। सिंह राशि में केतु भी विराजमान है। ऐसे में महालक्ष्मी राजयोग का अधिक प्रभाव नजर नहीं आएगा लेकिन कुछ राशियों के लिए यह समय बेहद शुभ हो सकते हैं।
इन राशियों को लाभ
मिथुन राशि में मंगल और चंद्रमा की युति से दूसरों राजयोग का निर्माण होगा। राजयोग छठे भाव में बनने से जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। लंबे समय से चली आ रही मानसिक तनाव दूर होगी। दोस्तों के साथ कहीं घूमने का प्लान कर सकते हैं। भाई बहन के साथ रिश्ते अच्छे होंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी।
तुला राशि के लिए यह राजयोग लाभदायक साबित होने वाला है। लाभ भाव में इस राजयोग का निर्माण होने से सफलता हासिल करेंगे। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। पैसे की तंगी दूर होगी। कर्ज से मुक्ति मिलेगी। जीवन में खुशियों की दस्तक देखी जा सकती है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होंगे।
मीन राशि में मंगल और चंद्रमा की युति छठे भाव में होने से मेहनत का फल मिलेगा। धन के नए स्रोत निर्मित होंगे। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी। जीवन में सुख शांति रहेगी। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।
Note : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।