एमपी में यहां बनेगा नया फोरलेन हाईवे, राजस्थान से दुरी होगी कम, पहुंच होगी आसान

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में नीमच से झालावाड़ तक नए फोरलेन हाईवे का निर्माण मध्य प्रदेश और राजस्थान की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। इससे सीमावर्ती जिलों में व्यापार, उद्योग और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, साथ ही ज़मीनों के दामों में भी बढ़ोत्तरी होगी।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश में विकास की गति को और तेज़ करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने जा रही है। यह प्रोजेक्ट है, नीमच से राजस्थान के झालावाड़ तक नया फोरलेन हाईवे।

इस हाईवे के बनने से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच आवाजाही कहीं अधिक सरल और तीव्र हो जाएगी, जिससे दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों को सीधा लाभ मिलेगा।

नीमच, मंदसौर और रतलाम को मिलेगी नई पहचान

इस फोरलेन प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा लाभ नीमच, मंदसौर और रतलाम जैसे जिलों को होगा। यह इलाक़े अब तक सीमित कनेक्टिविटी के कारण अपेक्षाकृत पिछड़े रहे हैं, लेकिन हाईवे निर्माण के बाद यहां के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, जिससे न केवल व्यापार बढ़ेगा, बल्कि युवाओं को रोज़गार के अधिक अवसर मिलेंगे। हाईवे के साथ औद्योगिक विकास भी जुड़ता है, और यही कारण है कि इन क्षेत्रों में नए उद्योग स्थापित होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।

रोज़गार और उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

नई सड़क परियोजना केवल कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन का माध्यम भी बनेगी। ग्रामीण इलाकों के युवाओं को स्वरोज़गार की दिशा में नए मौके मिलेंगे। हाईवे के आसपास के क्षेत्र में छोटे व मझौले उद्योगों का विकास तेज़ी से होगा, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को अपने ही क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलेगा।

ज़मीनों के दामों में होगी बढ़ोत्तरी

इस हाईवे के निर्माण से जुड़े एक अन्य पहलू की बात करें तो भूमि की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है। खासतौर से नीमच, मंदसौर और झालावाड़ के आस-पास की ज़मीनें निवेश के लिए आकर्षक बन जाएंगी। इससे किसानों और ज़मीन मालिकों को आर्थिक लाभ होगा, और समूचे क्षेत्र में धनवर्षा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

फोरलेन हाईवे परियोजना केवल सड़क निर्माण भर नहीं है, यह एक व्यापक आर्थिक परिवर्तन की नींव है। उज्जैन, रतलाम जैसे अन्य निकटवर्ती जिले भी इस परियोजना से लाभान्वित होंगे। क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच सामाजिक-आर्थिक संबंध और अधिक मजबूत होंगे।