हर गांव तक पहुंचेगी सड़क, एमपी में 15 हजार ग्रामीण इलाकों का होगा सर्वे, स्थानीय लोगों को होगा फायदा

मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में 15,000 से अधिक संपर्कविहीन बसाहटों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने का निर्णय लिया है। वर्षा में कट जाने वाले इलाकों में बारहमासी सड़कें बनाई जाएंगी, जिससे आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन सुविधाएं बेहतर होंगी।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश की ग्रामीण जनता को जल्द ही एक बड़ी राहत मिलने वाली है, क्योंकि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर उन क्षेत्रों तक सड़कें पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है, जो अभी तक बुनियादी संपर्क सुविधाओं से वंचित हैं। विशेष रूप से ऐसे गांव और बसाहटें जो हर वर्ष बरसात के मौसम में मुख्य सड़कों से कट जाती हैं, अब जल्द ही साल भर चलने वाली सड़कों से जुड़ सकेंगी।

प्रदेश के लगभग 15,000 से अधिक ग्रामीण इलाकों में आज भी ऐसी समस्या है, जहां लोग बारिश के मौसम में नदी-नालों को पार कर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने मजबूर होते हैं। 4 से 5 महीनों तक यह दुश्वारियां बनी रहती हैं। अब राज्य सरकार ने इन दूरस्थ क्षेत्रों में बारहमासी सड़कों का निर्माण करने का निर्णय लिया है, ताकि गांव-गांव तक सुरक्षित और सुगम आवागमन सुनिश्चित किया जा सके।

हर गांव तक पहुंचेगी सड़क योजना

इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला पंचायतों के सीईओ और संभागायुक्तों से ऐसे क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जो अब तक सड़क नेटवर्क से नहीं जुड़ सके हैं। इसके साथ ही ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को भी इस कार्य के लिए सक्रिय किया गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण कार्य मानसून से पहले शुरू हो सके, ताकि अगले सीजन तक सड़कों का उपयोग किया जा सके।

15,000 से अधिक बसाहटें चिह्नित, बनेंगे विशेष प्लान

सरकार द्वारा अब तक लगभग 15,055 ऐसी ग्रामीण बसाहटों की पहचान की गई है जिन्हें सड़क संपर्क से जोड़ा जाना है। इसके लिए एक व्यापक प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं शामिल होंगी। इनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY), प्रधानमंत्री जनमन योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना और सुदूर सड़क योजना का समावेश होगा।

समावेशी विकास की ओर एक और कदम

यह योजना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी, बल्कि आपदा की स्थिति में राहत पहुंचाने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में भी मददगार साबित होगी। यह राज्य सरकार का समावेशी विकास की ओर एक ठोस कदम माना जा रहा है।