वेलनेस सिटी के रूप में जाना जाएगा उज्जैन, देशभर के आध्यात्मिक गुरुओं को मिला निवेश का आमंत्रण

मध्य प्रदेश में 5 जून को इंदौर में 'स्प्रिचुअल एंड वेलनेस समिट' का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देशभर के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और वेलनेस विशेषज्ञ भाग लेंगे। इसका उद्देश्य प्रदेश को वेलनेस और आध्यात्मिक पर्यटन का हब बनाना है तथा निवेश को प्रोत्साहित करना है।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश अब सिर्फ औद्योगिक और सांस्कृतिक विकास तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब राज्य आध्यात्म और समग्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नई पहल कर रहा है। इसी क्रम में 5 जून को इंदौर रोड स्थित एक प्रतिष्ठित होटल में ‘स्प्रिचुअल एंड वेलनेस समिट’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश को वेलनेस और वेलबीइंग हब के रूप में विकसित करना है। इस समिट का आयोजन मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) द्वारा किया जा रहा है।

इस समिट में देशभर से 300 से अधिक आध्यात्मिक मार्गदर्शक, नीति निर्माता, आयुर्वेद, योग, और संतुलित जीवनशैली से जुड़े विशेषज्ञ भाग लेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस विशेष कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में वेलनेस व वेलबीइंग सेंटर्स की स्थापना के लिए निवेशकों को आकर्षित करना और इस दिशा में नीतिगत संवाद स्थापित करना है।

प्रमुख संस्थानों को भेजा गया आमंत्रण

समिट को भव्य और प्रभावशाली बनाने के लिए देश की नामी वेलनेस और आध्यात्मिक संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है। इनमें परमार्थ निकेतन, पतंजलि आयुर्वेद, शतायु आयुर्वेदा योगा रिट्रीट, जिवाया वेलनेस, द सॉलिटेयर ग्रुप, खेओनी वेलनेस, लेजर होटल, एक्सफन, आत्ममंथन जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। यह संस्थाएं राज्य में संभावित निवेश और सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगी।

वेलनेस हब के रूप में उज्जैन और अन्य शहरों की पहचान

कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों को उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में वेलनेस और वेलबीइंग सेंटर्स की संभावनाओं से अवगत कराया जाएगा। साथ ही, सरकार इन संस्थाओं से उनकी अपेक्षाएं भी जानेगी, ताकि राज्य की नीतियों को और अधिक प्रभावशाली और निवेशक हितैषी बनाया जा सके।

स्प्रिचुअल सिटी पर भी हो सकती है विशेष चर्चा

इस समिट में ‘स्प्रिचुअल सिटी’ की अवधारणा पर भी विचार-विमर्श हो सकता है, जिसमें धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। उज्जैन जैसे शहर, जो पहले से ही अध्यात्म का केंद्र हैं, को इस दिशा में और आगे ले जाने की रूपरेखा बनाई जा सकती है।

समिट से खुलेगा वेलनेस इंडस्ट्री का नया द्वार

मध्यप्रदेश में यह पहला ऐसा आयोजन होगा, जो राज्य को भारत के वेलनेस टूरिज्म और आध्यात्मिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह समिट न केवल स्थानीय रोजगार और निवेश बढ़ाने में मददगार होगी, बल्कि जनमानस के स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन को भी सशक्त बनाएगी।