मध्यप्रदेश सरकार ने इस बार बारिश से पहले ही सड़कों की मरम्मत और निर्माण के लिए बड़ी पहल की है। आमतौर पर नगरीय निकायों को बारिश शुरू होने के बाद तक फंड का इंतजार करना पड़ता था, जिससे सड़कों की हालत और खराब हो जाती थी। लेकिन इस बार राज्य सरकार ने समय रहते सभी नगरीय निकायों को 1700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर दिया है, जिससे सड़कों के रख-रखाव और नई सड़कों के निर्माण का कार्य समय पर शुरू हो सकेगा।
सरकार द्वारा जारी इस बजट से नगरीय निकाय स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग और सुझावों के आधार पर अपने क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों को अंजाम दे सकेंगे। इस निर्णय से न केवल मुख्य मार्गों की हालत सुधरेगी बल्कि कॉलोनियों के अंदर की सड़कों और पहुंच मार्गों पर भी ध्यान दिया जाएगा। यह कदम बरसात के मौसम में नागरिकों को होने वाली दिक्कतों को कम करने में मदद करेगा।

कॉलोनियों और छोटी पुलियाओं पर विशेष फोकस
जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि फंड का उपयोग स्थानीय ज़रूरतों के हिसाब से किया जाएगा। कॉलोनियों के मुख्य मार्गों, आंतरिक सड़कों और यदि आवश्यकता हो तो छोटी पुलियाओं के निर्माण पर भी खर्च किया जा सकेगा। नगरीय विकास विभाग के इंजीनियर इन चीफ प्रदीप मिश्रा के अनुसार, यह राशि तत्काल उपयोग के लिए उपलब्ध करा दी गई है ताकि कार्यों में किसी तरह की देरी न हो।
जबलपुर के लिए सबसे अधिक फंड आबंटित
इस बजट वितरण में जबलपुर संभाग को सबसे अधिक 188 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके बाद उज्जैन संभाग को 168 करोड़, इंदौर को 167 करोड़ और भोपाल को 165 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अन्य संभागों में नर्मदापुरम को 147 करोड़, रीवा को 138 करोड़, ग्वालियर को 110 करोड़, शहडोल को 76 करोड़, चंबल को 72 करोड़ और सबसे कम सागर संभाग को 61 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
इसके अलावा प्रदेश के चार प्रमुख नगर निगम भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर को सड़कों के रख-रखाव के लिए समान रूप से 25-25 करोड़ रुपये दिए गए हैं।