अब विकास की रफ्तार पकड़ेगी गति, MP में यहां बन रहा हैं 700 मीटर का ब्रिज, 70 गांवों को मिलेगा फायदा

मध्यप्रदेश सरकार बड़वानी और धार जिलों को जोड़ने के लिए नर्मदा नदी पर 700 मीटर लंबे पुल का निर्माण कर रही है, जिससे 50 किमी की दूरी घटेगी और 70 गांवों को लाभ मिलेगा। 68 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल व्यापार और आवागमन के विकास पर भी बल देगा।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश सरकार राज्य के दो प्रमुख जिलों बड़वानी और धार को जोड़ने के लिए एक महत्वाकांक्षी पुल परियोजना पर काम कर रही है। यह पुल नर्मदा नदी पर छोटा बड़दा (बड़वानी जिला) और सेमल्दा (धार जिला) के बीच बनाया जा रहा है। 700 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा यह पुल न केवल इन दोनों जिलों को सीधे जोड़ेगा, बल्कि 70 गांवों के हजारों ग्रामीणों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।

यात्रा होगी आसान, समय और दूरी दोनों में कटौती

पुल के निर्माण से बड़वानी और धार जिलों के बीच की दूरी 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे लोगों को लंबा चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसका लाभ न केवल आम लोगों को मिलेगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी नया आयाम मिलेगा। विशेष रूप से अंजड़, दवाना, मंडवाड़ा, ठीकरी और सेंधवा जैसे बड़वानी के इलाके तथा मनावर, सिंघाना, बाकानेर और भरड़पूर जैसे धार के क्षेत्र इससे बेहतर ढंग से जुड़ जाएंगे।

70 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ

इस पुल से आसपास के करीब 70 गांवों के लोगों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में भी सुविधाएं पहुंच सकेंगी। ग्रामीणों की रोजमर्रा की यात्रा अब और अधिक सुविधाजनक और कम खर्चीली हो जाएगी।

68 करोड़ की लागत, 3 साल में होगा निर्माण पूरा

इस परियोजना पर कुल 68 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। पुल निर्माण के लिए कुल 14 पिलर बनाए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक की ऊंचाई 50 मीटर होगी। बारिश से पहले अधिक से अधिक काम पूरा करने के लिए निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सरकार को उम्मीद है कि यह पुल अगले तीन वर्षों में पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।

व्यापार और आवागमन को मिलेगा बढ़ावा

यह पुल सिर्फ बड़वानी और धार को ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों से महाराष्ट्र की ओर जाने वाले यात्रियों को भी फायदा पहुंचाएगा। अतिरिक्त सफर से बचत होगी और परिवहन की लागत में कमी आएगी। इससे क्षेत्रीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा और संपूर्ण क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।