वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन के लिए रखा जाने वाला एक विशेष पर्व है। यह व्रत हर वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है। 2025 में यह व्रत 26 मई को मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किया गया उपवास सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का वरदान देता है। इस दिन वट (बरगद) वृक्ष की पूजा विशेष रूप से की जाती है, क्योंकि यह दीर्घायु और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

व्रत में क्या खाएं: स्वास्थ्य और श्रद्धा का संतुलन
वट सावित्री व्रत में व्रती महिलाएं फलाहार या कुछ विशेष शाकाहारी भोजन ग्रहण कर सकती हैं। इस दिन सिंघाड़े के आटे, गुड़ और सामान्य आटे से बने व्रत अनुकूल व्यंजन खाए जा सकते हैं। चना, पूरी, मीठे पूए, मुरब्बा और मीठी पुड़ियां भी सेवन योग्य होती हैं। कई महिलाएं केवल मौसमी फल, जैसे आम, लीची, तरबूज, और खरबूजा खाकर उपवास का पालन करती हैं। साथ ही, नारियल पानी पीना भी ऊर्जा बनाए रखने का एक अच्छा विकल्प है।
व्रत में किन चीजों से करें परहेज
धार्मिक नियमों के अनुसार, वट सावित्री व्रत के दिन मांसाहार, शराब, प्याज, और लहसुन का सेवन वर्जित है। ऐसा माना जाता है कि इनका सेवन व्रत की शुद्धता को खंडित कर सकता है और व्रत का फल प्राप्त नहीं होता। चावल, दाल, और गेहूं से बनी चीजों को भी नहीं खाना चाहिए। इस दिन केवल व्रत के अनुरूप सादा और सात्विक भोजन ही करना चाहिए। साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग व्रत की मर्यादा बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।
वट सावित्री व्रत 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 26 मई 2025 को दोपहर 12:11 बजे आरंभ होगी और 27 मई को सुबह 8:31 बजे समाप्त होगी। इस बार वट सावित्री व्रत 26 मई को ही रखा जाएगा। पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 8:52 से 10:25 बजे तक रहेगा। यदि इस समय पूजा न कर पाएं, तो अभिजीत मुहूर्त (11:11 बजे से 12:46 बजे तक) और दोपहर 3:45 से 5:28 बजे तक का समय भी शुभ माना गया है।
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