मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा, एक शांतिपूर्ण और प्रकृति से घिरा हुआ जिला, अब पर्यटकों के बीच एक हॉट डेस्टिनेशन बन चुका है। यहां के ऊंचे पहाड़, हरे-भरे जंगल, शांत झरने और ठंडी हवाएं किसी भी हिल स्टेशन को मात देने का दम रखते हैं।
खास बात यह है कि यह जगह अब तक शहरों की भीड़-भाड़ से दूर रही है। अगर आप सुकून और प्राकृतिक खूबसूरती का मजा लेना चाहते हैं, तो छिंदवाड़ा एक बेहतरीन ठिकाना है।

पातालकोट
छिंदवाड़ा की सबसे प्रमुख पहचान बन चुका पातालकोट, एक 1200 फीट गहरी और घोड़े की नाल जैसी घाटी है। यह घाटी इतनी घनी और गहरी है कि यहां सूरज की रोशनी दिनभर में केवल 3-4 घंटे ही पहुंचती है। ट्रैकिंग, कैंपिंग, और फोटोग्राफी के शौकिनों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है। यहां की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य, दूर-दूर से आए पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
पातालकोट में आदिवासी संस्कृति की अद्भुत झलक भी देखने को मिलती है, जहां के पारंपरिक गांव अपनी जड़ों से जुड़ी हुई जीवनशैली में रचे-बसे हैं। यहां का मौसम पूरे साल सुहाना रहता है, खासकर गर्मियों में जब यह ठंडी राहत प्रदान करता है। नेचर लवर्स के लिए यह जगह वाकई एक आदर्श हिल स्टेशन से कम नहीं है।
उबलता हुआ गर्म पानी का कुंड
छिंदवाड़ा जिले का अनहोनी गांव एक अद्भुत जगह है, जहां सालभर उबलता गर्म पानी का कुंड मौजूद है। इस कुंड को स्थानीय लोग देवी के चमत्कार के रूप में मानते हैं, जबकि वैज्ञानिक इसका कारण गंधक की अधिकता बताते हैं। यह प्राकृतिक कुंड एक अनोखा रहस्य है, जो धार्मिक आस्था और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अद्भुत मिलाजुला रूप प्रस्तुत करता है।
देवगढ़ किला : गौंड राजाओं की शाही विरासत
छिंदवाड़ा जिले के देवगढ़ किले का इतिहास बहुत ही रोचक और रोमांचक है। यह किला एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, जहां से पूरे इलाके का दृश्य बहुत ही आकर्षक होता है। गौंड राजाओं के शासन काल में बना यह किला, आज भी अपनी अद्भुत वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों को खींचता है।
किले तक पहुंचने का रास्ता भले ही चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन वहां पहुंचने के बाद जो दृश्य आपको मिलेगा, वह थकान को पल भर में भुला देगा।
पेंच टाइगर रिजर्व
छिंदवाड़ा से करीब दो घंटे की दूरी पर स्थित पेंच टाइगर रिजर्व, जंगल सफारी और वाइल्डलाइफ के शौकिनों के लिए एक आदर्श स्थल है। यह नेशनल पार्क, सतपुड़ा पहाड़ियों और पेंच नदी के किनारे बसा हुआ है, जहां आपको बाघ, तेंदुआ, हिरण, नीलगाय और सैकड़ों पक्षियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में देखने का अद्भुत अनुभव होता है।