MP में तबादलों की तैयारी पूरी, नई ट्रांसफर पॉलिसी को कैबिनेट की मुहर, 1 से 30 मई तक होंगे तबादले

कैबिनेट ने 2025 की नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दी, जिसके तहत 1 से 30 मई तक ट्रांसफर किए जाएंगे और ई-ऑफिस प्रणाली में लागू होंगे। स्थानांतरण प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर किए जाएंगे, और 30 मई के बाद किए गए ट्रांसफर अमान्य होंगे।

Abhishek Singh
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कैबिनेट ने वर्ष 2025 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 1 मई से 30 मई तक ट्रांसफर की अनुमति दी गई है, और सभी स्थानांतरण इसी अवधि के भीतर ई-ऑफिस प्रणाली में लागू किए जाएंगे। 30 मई के बाद किए गए तबादले अमान्य माने जाएंगे। मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को ट्रांसफर का अधिकार दिया गया है। स्थानांतरण दो श्रेणियों में किए जाएंगे—प्रशासनिक आवश्यकताओं के आधार पर और कर्मचारियों की स्वैच्छिक मांग के अनुसार।

ट्रांसफर की अधिकतम सीमा पदों की कुल संख्या के अनुपात में निर्धारित की गई है-

  • 200 पद तक – अधिकतम 20%
  • 201 से 1000 पद – अधिकतम 15%
  • 1001 से 2000 पद – अधिकतम 10%
  • 2001 से अधिक पद – अधिकतम 5%
  • स्वैच्छिक ट्रांसफर भी इसी निर्धारित सीमा में सम्मिलित माने जाएंगे, ताकि कुल स्थानांतरण सीमा का संतुलन बना रहे। साथ ही, प्रत्येक विभाग अपनी आवश्यकताओं के अनुसार स्थानांतरण नीति बना सकता है, पर इसकी जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को देना अनिवार्य होगा।

पेंशन योजनाओं के समन्वय हेतु समिति का गठन

राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने की संभावनाओं पर विचार हेतु एक समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल करेंगे, जबकि प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, सचिव लोकेश कुमार जाटव, बजट संचालक तन्वी सुन्द्रियाल और उप सचिव अजय कटेसरिया सदस्य होंगे। पेंशन निदेशक, मध्यप्रदेश जे.के. शर्मा को समिति का सदस्य-सचिव नामित किया गया है। समिति में कुल 6 अधिकारी शामिल हैं, और इनमें से किसी के कार्य में बदलाव या स्थानांतरण की स्थिति में वित्त विभाग के सचिव को बदलाव करने का अधिकार प्राप्त होगा। यह समिति केंद्र सरकार की दिशानिर्देशों का विश्लेषण कर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।

पराली जलाने वालों पर प्रशासन की कार्रवाई

कैबिनेट ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कड़े फैसले लिए हैं। अब यदि कोई किसान खेतों में पराली जलाता है, तो उसे एक वर्ष के लिए मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अतिरिक्त, ऐसे किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर नहीं खरीदी जाएगी।

सौर ऊर्जा में बड़ा निवेश, कैबिनेट ने दी परियोजनाओं को हरी झंडी

कैबिनेट ने राज्य में 2000 मेगावॉट क्षमता वाले सोलर पार्क और 1000 मेगावॉट की ऊर्जा भंडारण परियोजना स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संयुक्त आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित की जाएगी। इसके तहत दोनों राज्यों को अलग-अलग छह-छह माह तक बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। परियोजना मुरैना जिले के आसपास स्थापित की जाएगी। मध्य प्रदेश में रबी मौसम (अक्टूबर से मार्च) के दौरान, जबकि उत्तर प्रदेश में खरीफ मौसम (जून से अक्टूबर) में बिजली की मांग अधिक रहती है। इस वजह से दोनों राज्यों की ऊर्जा आवश्यकताएं एक-दूसरे की पूरक हैं, जिससे बिजली का संतुलित और प्रभावी उपयोग संभव हो सकेगा।

साढ़े सात लाख कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का तोहफा

राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स/परिवार पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की दरों में वृद्धि का निर्णय लिया है। 1 जुलाई 2024 से डीए में 3% की बढ़ोतरी के बाद कुल दर 53% होगी, और 1 जनवरी 2025 से 2% और बढ़ाकर यह 55% हो जाएगी। जिन कर्मचारियों को छठे या पांचवे वेतनमान के तहत वेतन मिलता है, उनके लिए डीए वृद्धि का अनुपात भी इसी आधार पर तय किया जाएगा। बढ़े हुए भत्ते का एरियर (बकाया) जून 2025 से अक्टूबर 2025 तक 5 किश्तों में दिया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी 1 जनवरी 2024 से 30 सितंबर 2024 के बीच सेवानिवृत्त या मृत हुआ है, तो उसे या उसके परिवार को एरियर की राशि एक बार में दी जाएगी। पेंशनर्स को 1 मार्च 2025 से सातवें वेतनमान के तहत 53% और छठे वेतनमान के तहत 246% पेंशन राहत प्रदान की जाएगी।