Tungnath Temple : दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, जहां मां पार्वती ने की थी कठोर तपस्या

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By Raj RathorePublished On: March 26, 2025
Tungnath Temple

Tungnath Temple : भारत एक ऐसा देश है जो अपनी धार्मिक विविधता और आध्यात्मिक गहराई के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां अनेक प्राचीन और पवित्र मंदिर स्थित हैं, जो न केवल आस्था के केंद्र हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रतीक भी हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक महत्व के कारण जाना जाता है, बल्कि इसकी अद्वितीय भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण भी यह आस्था और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।

Tungnath Temple से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

तुंगनाथ मंदिर से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जो इसे विशेष आध्यात्मिक महत्व प्रदान करती हैं। कहा जाता है कि पांडवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया था, जो भारतीय वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। इसी स्थान को माता पार्वती की कठोर तपस्या का साक्षी भी माना जाता है, जहां उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए तप किया था। साथ ही, मान्यता है कि भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद ब्रह्महत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए यहीं पर तपस्या की थी।

तुंगनाथ दर्शन का पूर्णता स्थल

Tungnath Temple : दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, जहां मां पार्वती ने की थी कठोर तपस्या

तुंगनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित चंद्रशिला मंदिर धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि यदि भक्त चंद्रशिला मंदिर के दर्शन नहीं करते, तो तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। यह मंदिर लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां से हिमालय की बर्फीली चोटियों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। अधिक बर्फबारी के कारण तुंगनाथ मंदिर हर साल नवंबर से मार्च के बीच बंद रहता है। यह मंदिर भगवान शिव के पंचकेदारों में से एक होने के कारण भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है।

कैसे पहुंचे तुंगनाथ मंदिर?

तुंगनाथ मंदिर पहुंचने के लिए हवाई, रेल और सड़क मार्ग तीनों विकल्प उपलब्ध हैं। हवाई मार्ग से जाने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जहां से कैब द्वारा चोपता के पास स्थित पैंगर गांव तक पहुंचा जा सकता है। रेल यात्रा के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून हैं, जहां से बस या टैक्सी द्वारा चोपता तक जाया जा सकता है। सड़क मार्ग से यात्रा करने वालों के लिए बस सेवा उपलब्ध है, जिससे पैंगर गांव तक पहुंचने के बाद टैक्सी द्वारा चोपता जाया जा सकता है। चोपता से तुंगनाथ मंदिर तक करीब 4 किमी की ट्रेकिंग करनी होती है, जो भक्तों के लिए एक रोमांचक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।