Honorarium Hike : कर्मचारियों के हित में हाईकोर्ट में बड़ा फैसला लिया है। दरअसल अब एक बार फिर से कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाए जाएंगे। मानदेय बढ़ाने के मामले में एक महीने के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के बाद जल्दी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। अदालत में बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव को एक महीने तक आदेश का अनुपालन करने का हलफनामा पेश करने के आदेश दिए हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार को शिक्षामित्र के मानदेय बढ़ाने के मामले में एक महीने का समय दिया है। 1 महीने के भीतर उन्हें मानदेय वृद्धि का निर्णय लेना होगा। इसके लिए एक महीने तक आदेश का अनुपालन करने का हालकनामा पेश करने के आदेश दिए हैं। वही रजिस्टर को 24 घंटे के भीतर आदेश की कॉपी उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव को भेजना भेजने का निर्देश दिया गया है।

समान कार्य के लिए समान वेतन
ऐसे में माना जा रहा है कि जल्दी शिक्षामित्र के मानदेय में बढ़ोतरी का फैसला आ सकता है। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र ने 2023 में समान वेतन की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने पहले राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह शिक्षामित्र के वेतन को न्यूनतम मानते हुए एक समिति का गठन करें।
सरकार को 1 महीने के अंदर निर्णय लेने का निर्देश
इसके साथ ही उन्हें सम्मानजनक मानदेय उपलब्ध कराना है लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस पहल नहीं की गई थी। जिसके बाद हाई कोर्ट में अब मानना याचिका दायर कर दी गई थी। अब इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सलीम कुमार राय की अदालत में हो रही थी और अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 1 महीने के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दे दिया है।
शिक्षामित्र के मानदेय में बढ़ोतरी
सोमवार को सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि विभागीय विचार विमर्श अभी भी जारी है और इस पर फैसला लेने में कुछ और समय लग सकता है। जिसके बाद राज्य सरकार को एक महीने का अतिरिक्त समय देते हुए अगले सुनवाई की तारीख 1 मई निर्धारित की गई है। एक महीने के निर्णय लेने के आदेश दिए जाने के साथ माना जा रहा है कि जल्दी उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र के मानदेय में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही उनके वेतन में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।