Indore में अफसरों ने की 300 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी! मास्टर प्लान के नाम पर अपनी जेब भरना चाह रहे अधिकारी

इंदौर का मास्टर प्लान आने के पहले 79 गांवों में अभी तक हजार, बारह सौ एकड़ जमीन के नक्शे पास कर दिए हैं। अब लगभग तीन हजार एकड़ जमीन के नक्शे पास करने की तैयारी चल रही है। लगभग 250 कॉलोनाइजर नक्शे पास कराने के लिए टाउन एंड कन्ट्री प्लानिंग भोपाल मुख्यालय में आवेदन दे दिए हैं। चर्चा है कि 12 या 13 फरवरी को सभी नक्शे मंजूर कर दिए जायेंगे। इसके बदले में लगभग तीन सौ करोड़ की रिश्वत अफसर लेंगे।

सूत्रों के अनुसार मास्टर प्लान आने की संभावना के चलते इंदौर के टाउन एंड कन्ट्री प्लानिंग विभाग ने इन 79 गांवों में नक्शे मंजूरी पर रोक लगा दी थी। उसके बाद भोपाल टॉउन एंडकंट्री प्लानिंग मुख्यालय के अफसरों ने धारा 16 के अन्तर्गत नक्शे पास करना शुरू कर दिए। दरअसल, नए मास्टर प्लान में इन सभी गांवों को प्लानिंग एरिए में शामिल किया गया है। प्लानिंग एरिए में मास्टर प्लान आने तक यह तय होता है कि जमीन का क्या उपयोग किया जायेगा। कौनसी जमीन ग्रीन बेल्ट, कॉमर्शियल, रेसिडेंसियल, स्पोर्ट, एजूकेशन, पीएसपी जैसे अन्य उपयोग निर्धारित होते हैं। रोड के लिए भी जमीन चिन्हित होती है। जब इन 79 गांव में नक्शे आवासीय प्रोजेक्ट के लिए मंजूर किए जायेंगे तो फिर बाकी उपयोग निर्धारित करने के लिए जमीन कैसे बचेगी। सड़कों की चौड़ाई भी तय नहीं हो पायेगी। स्ट्रीट लाईट, पानी, ट्रांसफार्मर, सिवरेज लाईन का क्या होगा। एक कॉलोनी से दुसरी कॉलोनी की लाइनें कैसे जोड़ेंगे। सड़कों का मिलान कैसे होगा, क्योंकि अभी तो जो जमीन वाला जैसा कॉलोनी का नक्शा मंजूर करा रहा है वैसा नक्शा मंजूर हो रहा है।

इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला

वैसे तो टोउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में रिश्वत लिए बिना अफसर तो दूर कानू भी बात नहीं करता है। सारे जमीन वाले टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग की रिश्वत को प्रोजेक्ट कॉस्ट में ही जोड़ लेता हैं। इसी कारण आम आदमी को प्लाट मंहगे मिलते हैं। इंदौर के अलावा भोपाल सहित जिन भी शहरों के मास्टर प्लान नहीं आए हैं वहां के भी नक्शे बड़ाघड़ मंजूर किए जा रहे है। टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के इतिहास में इतना बड़ा घोटाला आज तक नहीं हुआ है। खुलेआम मास्टर प्लान की हत्या करके जिस तरह से गलत तरीके से जो नक्शे मंजूर किए जा रहे है। वह म.प्र. के इतिहास में काला धच्चा साबित होगा।

लाखों की रिश्वत

धारा 16 के तहत जो भी नकाशे पास हो रहे हैं वो एक कॉलोनाइजर कम से कम दस एकड़ जमीन पर नक्शा पास करवा रहा है। पूर्व में लगभग 1200 एकड़ के नक्शे मंजूर हो चुके हैं। अब लगभग 3 हजार एकड़ ज जमीन पर नक्शे पास करने की तैयारी है। प्रति एकड़ 12 लाख से 15 लाख रूपए तक की रिश्वत भोपाल मुख्यालय के अफसर ले रहे हैं। इस हिसाब से तीन सौ करोड़ से

ज्यादा की रिश्वत अफसर लेंगे। कुछ जमीन वालों से तो भोपाल के अफसर एडवांस भी ले चुके हैं। या 13 फरवरी को नवणे पास करने की बात कही जा रही है। कॉलोनाइजरों से प्रजेन्टेशन देने के लिए तैयार रहने को कह दिया है। एक दिन पहले कॉलोनाइजरों को सूचना दी जायेगी। प्रजेन्टेशन के बाद रिश्वत मिलते ही नवो मंजूर का लेटर कॉलोनाइजरों को दे देंगे।

बनोठ ना तो मिलते हैं ना मोबाइल उठाते हैं

टीउन एंड कंट्री प्लानिंग मुख्यालय भोपाल के डायरेक्टर श्रीकांत बनोठ से कई बार मुख्यालय दफ्तर में मिलने की कोशिश की लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए। कई बार उनके मोबाईल नंबर 7898900450 पर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मोबाईल नहीं उठाया। सवाल इस बात का उठता है कि अफसर आखिर किसकी शह पर मनमानी कर रहे है। कब तक ऐसे घोटाले होते रहेंगे। वैसे इसके पहले व्यापमं घोटाला, शराब ठेकेदार घोटाला, ट्रांसपोर्ट विभाग का घोटाला सामने आ चुका है। इसलिए अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ता। साहित्यकार शरद जोशी ने भ्रष्ट और निकम्मे अफसरों के लिए बहुत पहले ही लिख दिया था।

सूचना के अधिकार में नहीं दी जानकारी

टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के मुख्यालय से धारा 16 के तहत अभी तक कितने नक्शे मंजूर किए गए। इसको जानकारी कई बार मांगी गई, लेकिन उपलब्ध नहीं कराई गई। उसके बाद दैनिक स्वतंत्र समय ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। लिखित में आवेदन देने के बाद सिर्फ एक जानकारी यह दी गई कि अभी जानकारी जुटाई जा रही है। ऑन लार्डन रिकार्ड होने के बावजूद जानकारी जानबूझ कर नहीं दी जा रही है।