आगाज… अंजाम भी अच्छा था, बीच में दौड़ा रथ

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जनता का आशीर्वाद लेने निकली रथ यात्रा देर से शुरू हुई, लेकिन यात्रा का आगाज और अंजाम दोनों ही अच्छा था, बस मुश्किल बीच के सफर में हो गई। अठारह किलोमीटर में से पांच किलोमीटर रथ को दौड़ाना पड़ा। लम्बा रूट होने से सैकड़ों मंच लगाने के बाद भी कसर बाकी रह गई। ठीक दोपहर बारह बजे जीपीओ चौराहे से केंद्रीय मंत्री ज्योति सिंधिया रथ पर सवार हो गए। साथ में तुलसी सिलावट, शंकर लालवानी, गौरव रणदिवे और इलाके के विधायक आकाश विजयवर्गीय रथ पर सवार हो गए। भोपाल से आए प्रभारी आलोक शर्मा भी रथ के पीछे की तरफ खड़े हो गए। ढोल-ढमाके और नगाड़ों के बीच सिंधिया ने रथ चलते ही कभी हाथ हिलाना, तो कभी हाथ जोडऩा शुरू कर दिया।छावनी चौराहा और उसके बाद अग्रसेन चौराहे तक आकाश के साथ ही भाजपा की आवाज उमेश शर्मा ने भी मंच लगा रखे थे।

अग्रसेन चौराहे से टॉवर चौराहे तक राऊ के कार्यकर्ताओं के साथ मधु वर्मा थे। फिर चार नंबर विधानसभा शुरू हो गई, तो आकाश उतर गए और मालिनी गौड़ रथ पर सवार हो गईं। सिंधी कालोनी तक भी मामला ठीक था, लेकिन फिर जूनी इंदौर ब्रिज पर रथ की स्पीड बढ़ाना पड़ी। ब्रिज के बीच में सिंधी समाज और जवाहर मंगवानी ने अच्छा स्वागत करा दिया। ब्रिज उतरने के बाद जबरन कालोनी चौराहे पर फिर तीन नंबर वाले कार्यकर्ताओं ने मंच लगा रखा था। वहां से आगे बढ़े, तो चार नंबर वालों के मंच लगे थे। कलेक्ट्रेट चौराहे के आगे से रथ की गति बढ़ाना पड़ी। रथ से ही गौरव रणदिवे कह रहे थे कि रामबाबू राठौर तेजी से आगे बढ़ो। कर्बला पुल और उसके आगे महूनाका चौराहे तक रथ को तेजी से आगे बढ़ाना।

महूनाका चौराहे पर लक्ष्मणसिंह गौड़ की प्रतिमा के वहां सैकड़ों कार्यकर्ता थे। पहले लगा कि सिंधिया रथ से उतर कर गौड़ की प्रतिमा पर हार पहनाएंगे, लेकिन देर होने के कारण रथ आगे बढ़ गया। यहां से लेकर गंगवाल बस स्टैंड तक फिर रथ की स्पीड तेज हो गई। गंगवाल बस स्टैंड से लेकर बड़ा गणपति चौराहे तक ठीक-ठाक मामला रहा। बड़ा गणपति चौराहे पर काफी भीड़ थी। यहां से सुदर्शन गुप्ता रथ पर सवार हो गए। काफिला आगे बढ़ा और सीधे महावीर बाग पहुंचा, जहां पर जैन संत प्रवीण ऋषि महाराज से सिंधिया ने आशीर्वाद लिया। पूरी यात्रा में सबसे अच्छा कार्यक्रम यहीं था। आयोजक दीपक जैन ने संत के मंच के सामने सिंधिया के बैठने का इंतजाम किया था, लेकिन सिंधिया बमुश्किल आधा मिनट बाद ही जैन संत के मंच के सामने जमीन पर बैठ गए।

उनको देखकर बाकी नेता भी नीचे बैठ गए। जैन संत ने इस बात को लेकर सिंधिया की तारीफ भी कर दी। उसके बाद सिंधिया ने भी कहा कि मैं जैन समाज से काफी प्रभावित हूं। यहीं पर नेताओं के जीमने का इंतजाम था। सिंधिया सहित सारे नेता भोजन कर रहे थे और कुछ कार्यकर्ता बिना मास्क के आ गए। सिंधिया ने उनको कहा कि मास्क के बिना यहां कोई नहीं आएगा। सिंधिया का रथ पैंतालीस मिनट आराम के बाद फिर चलने लगा। महावीर बाग से बड़ा गणपति तक, उसके बाद जिंसी चौराहा, सुभाष मार्ग, बड़वाली चौकी से लेकर रामबाग चौराहे तक मामला अच्छा रहा। कई जगह सुदर्शन गुप्ता ने भीड़ जुटा रखी थी। गुप्ता रास्ते भर सिंधिया के साथ खड़े रहे। शंकर लालवानी और गौरव रणदिवे ने अलग-अलग मंच संभाल रखे थे। दोनों बार-बार माइक से कार्यकर्ताओं को मास्क लगाने के लिए कह रहे थे, लेकिन कई कार्यकर्ताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

यहां से फिर तीन नंबर विधानसभा शुरू हुई, तो सुदर्शन उतर गए और रथ पर आकाश सवार हो गए। चिमन बाग चौराहे तक मामला कमजोर था। इसके बाद भंडारी पुल तक ऐसे ही चलता रहा। भंडारी ब्रिज उतरते ही युवराज उस्ताद के मंच के वहां रमेश मेंदोला, कार्यकर्ताओं के साथ खड़े थे। यहीं से मेंदोला रथ में बैठे। परदेशीपुरा थाना और उसके आगे पाटनीपुरा, मालवा मिल चौराहा तक काफी भीड़ जुटी रही। मेंदोला ने जितने पार्षद के टिकट के दावेदार हैं उन सबको काम पर लगा दिया। मालवा मिल चौराहे तक खासी भीड़ थी। वहां से पांच नंबर का इलाका शुरू हो गया। महेंद्र हार्डिया रथ पर सवार हुए, ठीक-ठाक भीड़ जुट गई थी। एलआईजी चौराहे तक स्वागत मंच लगे थे। फिर वहां यात्रा समाप्त हो गई। वहां से कार में बैठकर सिंधिया खजराना मंदिर चले गए।

राजेश राठौर