इंदौर के सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले सामने आने के बाद सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया के तेवर तीखे हो गए हैं उन्होंने यहां पर सालों से जमे 11 निरीक्षकों के तबादले कर दिए हैं लेकिन अब सवाल इस बात का है कि इंदौर की दागी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के खिलाफ जो शिकायतें यहां पर दर्ज हैं उनकी जांच कब शुरू होगी और पीड़ित सदस्यों को न्याय कब मिलेगा।
बीच में कोरोनावायरस के कारण दागी संस्थाओं के खिलाफ जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी लेकिन अब स्थिति बदल गई है बताया जाता है कि 14 ऐसी दागी संस्थाएं हैं जिनमें बड़ी संख्या में हेरफेर पाया गया है इन संस्थाओं के पदाधिकारियों को बचाने के लिए सहकारिता विभाग के अधिकारी और निरीक्षक लगे हुए थे।
वैसे तो इंदौर के सहकारिता विभाग में सैकड़ों गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं और कई मामले तो ऐसे हैं जिनमें संस्था की जमीन को पूरी तरह से बेच दिया गया है याने वहां पर किसी भी सदस्य को प्लाट नहीं मिल पाया है । सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया के तेवर देखने के बाद पीड़ित लोगों को यह उम्मीद है कि उनके साथ भी न्याय किया जाएगा जल्दी से जल्दी उनकी शिकायतों का निराकरण होगा और उन्हें फिर से प्लाट मिल सकेंगे ।