नए इस्लामी साल की शुरुआत मुहर्रम से होती है। कहा जाता है कि मुहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता है। ये बेहद खास माना जाता है। वहीं इस साल मुहर्रम का महीना 10 अगस्त से शुरू होगा। बता दे, इस महीने के शुरू होने के 10 वें दिन आशूरा होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही मुहर्रम मनाया जाता है। मुहर्रम का महीना इस्लाम मजहब का प्रमुख महीना माना जाता है। ये त्यौहार इस बार 19 तारीख को मनाया जाएगा।
ऐसे ने दुनिया भर में कर्बला के शहीदों की याद में सभाएं और जुलूस निकाले जाते हैं। लेकिन इस साल कोरोना की वजह से कई जगह इसे निकालने में पाबंदी हो सकती है। बता दे, मुहर्रम अंतिम पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब के पोते इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है। वहीं दुनिया भर में मुसलमान मुहर्रम की 9 और 10 तारीख को रोज़ा रखते हैं और मस्जिदों, घरों में इबादत करते हैं।
मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मस्जिदों में हज़रत इमाम हुसैन की शहादत पर विशेष तकरीरें होती हैं। इस पर्व को शिया और सुन्नी दोनों मुस्लिम समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं। मुहर्रम किसी त्योहार या खुशी का महीना नहीं है। बता दे, ये बेहद गम भरा महीना है।
इसके अलावा आज से लगभग 1400 साल पहले इसी महीने में बातिल यानी झूठ और अन्याय के विरुद्ध इंसाफ की जंग लड़ी गई थी। ऐसे में इस पवित्र महीने में इसी जंग को और इसमें शहीद होने वालों को याद किया जाता है। साथ ही इस तरह मुहर्रम मातम और गम का दिन है। मुहर्रम अंतिम पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब के पोते इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है।