वाराणसी: गंगा चेतावनी निशान को पार करके खतरे ककी ओर बढ़ रही है. तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही गंगा खतरे के निशान के बेहद करीब है और किसी वक्त भी इसे छू सकती है. गंगा और वरुणा के बढ़ते जलस्तर की रफ्तार को देखते हुए प्रशासन ने नदी किनारे के इलाकाई लोगों को अलर्ट जारी करते हुए कंट्रोल रूम बनाकर अलग-अलग विभाग के अफसरों की तैनाती कर दी है. अब सबकी निगाहें गंगा के जलस्तर पर टिकी हैं, जिसे प्रति घंटे मॉनिटरिंग पर रखा गया है. उफान को देखते हुए नावों का संचालन पहले ही बंद हो गया था, अब अलकनंदा क्रूज की सेवाएं भी हालात सामान्य होने तक बंद रहेंगी.
अलग-अलग घाटों की बात करें तो मणिकर्णिका घाट पानी में डूब गया है, इसलिए सड़क के ऊपर बने प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार की जगह बची है, तो वहीं हरिश्चंद्र घाट पर गली में शवदाह किया जा रहा है. सामने घाट इलाके की मारूति नगर कालोनी और गायत्री नगर में डेढ़ सौ से अधिक मकान पानी में घिरने लगे हैं. दशाश्वमेध घाट पर अब मजबूरी में गंगा आरती गंगा सेवा निधि की इमारत की छत पर की जा रही है. गंगा ही नहीं वरुणा नदी के किनारे बसे कोनिया, नक्खी घाट, सिंधवा घाट, घिसियावन आदि इलाकों में रहने वाले भी बाढ़ के पानी में घिर गए हैं. अस्सी घाट की सीढ़ियों ने जलसमाधि ले ली है.