भोले की भक्ति का सावन इस वर्ष विशेष ज्योतिषीय संयोग लेकर आ रहा है।*फल द्वितीया से प्रारंभ श्रावण माह का श्रीगणेश श्रवण नक्षत्र व आयुष्मान महायोग में हो रहा है। कृष्ण प्रतिपदा व श्रावण शुक्ल नवमी तिथि के क्षय के साथ ही कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि की वृद्धि के चलते भोले की भक्ति का सावन 29 दिनों का है।आचार्य पण्डित रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने बताया कि इस वर्ष का सावन महामृत्युंजय साधना हेतु उत्तम श्रेष्ठ है, आयुष्मान योग इस सावन को स्वास्थ्य साधना हेतु कुछ विशेष बना रहा है।
सावन का आरम्भ 25 जुलाई रविवार को हो रहा हैवहीं समापन 22 अगस्त रविवार को रक्षाबंधन के साथ होगा।इस वर्ष बाबा के प्रिय चार सोमवार* 26 जुलाई, 2 अगस्त ,9 अगस्त व 16 अगस्त को आ रहे है।आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया माह के प्रमुख तीज त्यौहारों का अपना विशेष महत्व है, इस वर्ष 25 जुलाई को फल द्वितीया से अशून्य शयन व्रत का आरम्भ होगा ।27 को संकष्ट चतुर्थी व्रत, 28 को मरुस्थली नाग पंचमी,4 अगस्त को कामदा एकादशी, 5 को प्रदोष व्रत,6 को मास शिवरात्रि, 8 को हरियाली अमावस्या,11 को हरियाली तीज, 13 को नागपंचमी(देशा चारिय ), 14 को दूर्वा चतुर्थी व्रत,15 को तुलसी जयंती, 18 को पवित्रा एकादशी, 20 को प्रदोष व्रत व 22अगस्त रविवार को रक्षाबंधन व श्रावणी उपाकर्म प्रमुख हैं ।पूरे माह भोले अपने भक्तों पर कृपा बरसायेंगे।
आचार्य पण्डित शर्मा वैदिक ने बताया कि विविध कामनाओं की पूर्ती हेतु अलग अलग पदार्थों से रुद्राभिषेक करने से अनन्त लाभ है।
जलधारा से अभिषेक करने से वर्षा के साथ बाबा की असीम कृपा प्राप्त होती है।कुशा के जल से व्याधियों का नाश होता है। गन्ने के रस शहद व गौ घृत से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। शिवजी को पंचामृत व गंगाजल अभिषेक करने से मनोकामना पूर्ण होती है।गाय के दुग्ध से अभिषेक करने से वंश की वृद्धि होती है । विविध ज्वर शांति हेतु जलधारा अभिषेक से ज्वर में लाभ होता है ।प्रमेह रोग में लाभ हेतु दुग्ध की धारा से अभिषेक करना चाहिए। बुद्धि की जड़ता समाप्त करने हेतु शक्कर से । सरसों के तेल से अभिषेक से शत्रु पराजित होते है ।
शुद्ध शहद से तपेदिक में लाभ होता है।इस प्रकार श्रावण मास में विविध द्रव्यों से रुद्राभिषेक के अनन्त लाभ बताए गए है।शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त करने हेतु रुद्राभिषेक के साथ ही चंदन,अर्कपुष्प, बिल्वपत्र विजया भांग, सुंगंधित पदार्थ, धतूरा, केशर, कपूर, सुखेमेवे का भोग ॐ नमः शिवाय के जप से भोले की असीम कृपा प्राप्त होती है।आप प्रतिदिन नही तो केवल किसी भी सोमवार को विविध पूजा सामग्री चढ़ाकर भोले की भक्ति कर सकते है।सोमवार शिवजी का प्रिय वार है।
यह श्रावण असाध्य रोगों,सुख, शांति व समृद्धि की प्राप्ति हेतु कुछ विशेष है।आयुष्मान महायोग से प्रारम्भ श्रवण मास में प्रतिदिन महामृत्युंजय जप करने से रोगों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है। पुरे सावन मास में खरीदारी के दो दर्जन से ज्यादा मुहूर्त है। विशेष पर्व तिथियां, सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि, रविपुष्य, एकादशी, प्रदोष, मास शिवरात्रि आदि उपर्युक्त मुहूर्तों में वाहन,मकान, जमीन आदि खरीदी से भोले की असीम कृपा प्राप्त होती है।