इंदौर 8 जुलाई, 2020
जिले में एक जुलाई 2020 से प्रारंभ हुए किल कोरोना अभियान के अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य निरंतर प्रगति पर है। सर्वे हेतु पायलट टीम तथा सर्विलेंस टीम बनाई गई हैं। पायलट टीम घर-घर जाकर सर्वेक्षण का कार्य करती है तथा ऐप पर डाटा फीड करती है तथा सर्विलेंस टीम के द्वारा आगामी कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। सार्थक एप पर कोविड-19, मलेरिया, डेंगू से संबंधित आंकड़े दर्ज होने के पश्चात एएनएम, डॉक्टर, रैपिड रिस्पांस टीम तथा फीवर क्लीनिकों को दिए गए विभिन्न दायित्वों के माध्यम से स्क्रीनिंग तथा उपचार किया जाता है।
महू नाका सेक्टर के पालदा कॉलोनी में टीम नंबर 38 में शामिल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुचिका ने पति के बीमार होने पर भी अपना कर्तव्य निभाया तथा निरंतर सर्वे कार्य में भागीदार बनी। उन्होंने बताया कि वे रोज सुबह 9 बजे सर्वे हेतु अपनी टीम के साथ कॉलोनी के विभिन्न घरों में जाकर उनसे जानकारी लेती हैं। उल्लेखनीय है कि, ऐप में दिए गए 12 बिंदुओं जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, अस्थमा आदि चिन्हित हैं, इन बिंदुओं के आधार पर प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य से जानकारी एकत्र की जाती है जिसके आधार पर सर्विलेंस टीम रिस्पॉन्ड करती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रुचिका ने बताया कि उनके द्वारा 218 घरों का सर्वेक्षण किया जा चुका है तथा आज से 64 घरों का फॉलोअप राउंड भी शुरू किया गया है। इस दौरान वे परिवार के सभी व्यक्तियों से जानकारी लेंगी तथा व्यक्तियों में कोविड-19, डेंगू, मलेरिया के लक्षण दिखने पर उनकी परीक्षण हेतु सैंपलिंग टीम को अवगत कराएंगी।
यदि किसी व्यक्ति में सर्दी, खांसी, बुखार आदि के लक्षण पाए जाते हैं तो एएनएम द्वारा उनकी जांच की जाती है तथा फीवर क्लीनिक में रेफर किया जाता है। रेणुका ने बताया कि वह घरों का सर्वेक्षण करने के दौरान सभी को गरम पानी पीने, गले में खराश होने पर गरारे करने तथा सावधानी एवं सुरक्षित तरीके से रहने की समझाईश भी देती हैं। महू नाका सेक्टर की सुपरवाइजर वंदना मेहता ने बताया कि सर्वे के दौरान वे भी टीम के साथ जाती हैं तथा समय-समय पर सत्यापन का कार्य भी करती हैं। वंदना ने बताया कि सर्वे के दौरान किसी प्रकार की समस्या होने पर एसडीएम, तहसीलदार तथा अन्य टीमों का भरपूर सहयोग मिलता है।