नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव के बाद अब संसद में भी हेरफेर हो गई है। जिसके चलते सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। आपको बता दें कि, इससे पहले थावर चंद गहलोत राज्यसभा में सदन के नेता थे। जिसके बाद अब उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है और उनकी जगह अब पीयूष गोयल राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। गौरतलब है कि, 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले 17 जुलाई को सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के आवास पर राज्यसभा के सदन के नेताओं की बैठक होगी।
वहीं दूसरी ओर, बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को एक बैठक की। इस बैठक में संसद के आगामी मानसून सत्र से जुड़े विषयों पर चर्चा करने और विपक्ष का मुकाबला करने को लेकर पार्टी की रणनीति बनाई गई। साथ ही सूत्रों ने बताया कि यह बैठक राजनाथ सिंह के आवास पर हुई, जो एक घंटे से अधिक समय तक चली। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने वाला है और कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद यह पहला सत्र होगा। दूसरी लहर पहली लहर से ज्यादा भयावह थी। विपक्षी दलों द्वारा यह मुद्दा उठाकर सरकार को घेरे जाने की संभावना है।
वही इस बैठक में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मुख्तार अब्बास नकवी और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन सहित अन्य मंत्री बैठक में उपस्थित रहे। इनके अलावा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी भी बैठक में शामिल हुए।
मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद अनुराग ठाकुर ने बताया कि, भाजपा नेताओं ने आगामी सत्र के लिए संसद में पार्टी की रणनीति पर और पूरक अनुदान मांगों और महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि बंगाल में भाजपा की हार के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं और वह कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जुड़े मुद्दे उठाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही भाजपा अपनी रणनीति को और सुदृढ़ करना चाहती है, ताकि वह विपक्ष का कारगर तरीके से मुकाबला कर सके।