अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सरकार और यूजर्स के निशाने पर रहने वाली मैसेजिंग कंपनी WhatsApp अब बैकफुट पर आ गई है। बताया जा रहा है कि WhatsApp ने प्राइवेसी को लेकर हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है की कंपनी ने अपनी इच्छा से प्राइवेसी पॉलिसी पर रोक लगा दी है।
कंपनी तब तक ग्राहकों को नई प्राइवेसी पॉलिसी चुनने के लिए मजबूर नहीं करेगी, जब तक कि डेटा प्रोटेक्शन बिल लागू नहीं हो जाता। इसके अलावा प्राइवेसी पॉलिसी नहीं मानने वाले ग्राहकों पर किसी तरह का बैन नहीं लगाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में WhatsApp और उसकी पेरेंट कंपनी फेसबुक की एक याचिका पर सुनवाई चल रही थी।
ऐसे में WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ CCI की जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया था। जिसके बाद 23 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच के मामले में फेसबुक और WhatsApp से कुछ सूचना मांगने वाले CCI के नोटिस पर रोक लगाने से मना कर दिया था।
आपको बता दे, इसको लेकर वरिष्ठ वकील गुरुकर्ण सिंह ने कहा कि हमने एक याचिका दायर की है। WhatsApp के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा था कि मैं इसका कड़ा विरोध कर रहा हूं। आपके आधिपत्य के नोटिस जारी करने के बाद कुछ घटनाक्रम हुए हैं। हरीश साल्वे की ये बात 28 मई 2021 के एडिशनल एफिडेविट की ओर इशारा करती है।
इसके अलावा WhatsApp ने दिल्ली हाई कोर्ट से ये भी कहा है कि कंपनी ने अपनी इच्छा से प्राइवेसी पॉलिसी पर रोक लगादी है। कंपनी तब तक ग्राहकों को नई प्राइवेसी पॉलिसी चुनने के लिए मजबूर नहीं करेगी जब तक कि डेटा प्रोटेक्शन बिल लागू नहीं हो जाता। प्राइवेसी पॉलिसी नहीं मानने वाले ग्राहकों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।