मैं आरएसएस और भाजपा के खिलाफ सबसे ज्यादा बोलता हूं, इसलिए सोशल मीडिया पर ट्रोल होता हूं। कांग्रेस की राजनीति के चतुर खिलाड़ी कहे जाने वाले दिग्विजयसिंह के सामने ऐसा कोई सवाल नहीं होता है, जिसका जवाब न मिले। दिग्विजयसिंह हर तरह के आरोप के जवाब देते हैं, खुलकर बोलते हैं और साथ में चेतावनी देने से भी नहीं चूकते। कल इंदौर आए तो उनसे बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ।
पहला सवाल ही पूछा कि ज्योति सिंधिया कहते हैं कि दिग्विजयसिंह के कारण ही कांग्रेस की सरकार गई, तो बोलने लगे कि होता ये है कि अच्छा किया तो दूसरो ने किया, बुरा किया तो दिग्विजयसिंह ने किया। जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो सिंधिया श्रेय लेते थे। अब कांग्रेस की सरकार गिरी, तो किसने गिराई, सिंधिया ने गिराई। क्यों गिराई, तो सिंधिया बोलते हैं कि सरकार में भ्रष्टाचार बहुत था। दिग्विजयसिंह बोलते हैं अरे उस सरकार में आपके छह मंत्री थे, वो भ्रष्टाचार करते थे क्या, अरे प्रमाण दो, ऐसे बोलने से क्या होगा। केवल भाषणबाजी करने से बात नहीं बनती है। जो व्यक्ति शिवराज को खूनी बताते थे, आज वो उनके खासमखास हो गए।
जब उनसे पूछा कि आप टारगेट पर क्यों रहते हैं, तो उन्होंने कहा कि मैं विचारधारा की लड़ाई लड़ता हूं। सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे, इसकी चिंता करता हूं। आरएसएस और भाजपा के खिलाफ लगातार बोलता हूं, इसलिए सोशल मीडिया पर मुझे ट्रोल किया जाता है, मैं इसकी परवाह भी नहीं करता हूं। प्रोफेशनल जो परेशानियां होती हैं वो हों, लेकिन मैं अपनी विचारधारा तो नहीं बदल सकता। ज्योति सिंधिया के टाइगर जिंदा है बयान पर बोले कि शिवराज भी कहते थे कि मैं भी टाइगर हूं। अब ये भी जुमलेबाजी पार्टी में चले गए हैं, इसलिए चाहे जो बोल देते हैं।
भाजपा पर उन्होंने आरोप लगाया कि वो सत्ता पाने के लिए सब कुछ कर सकते हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने के लिए सिंधिया भाजपा में चले जाएंगे, इसका किसी को भरोसा नहीं था। जिन्होंने पैसे लिए उन्होंने ही बताया है कि हमें भाजपा में जाने का पैसा मिला है, बड़ी डिलिंग हुई है। जिस तरह से भाजपा पैसा बांट रही है, हो सकता है आने वाले समय में भाजपा अपने विरोधी उम्मीदवारों को पैसा देकर ऐनवक्त पर निर्वाचन फार्म ही वापस करवा लेगी।
(जैसा राजेश राठौर को बताया)