भोपाल- आज मध्य प्रदेश में हुए मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी नाराजगी जताई| उमा भारती ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत और बीजेपी एमपी के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को एक चित्तीं के रूप में नाराजगी जताते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और इसी वजह से मंत्रियों की सूची में संशोधन किया जाना चाहिए| उनका कहना है कि आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार से जातीय संतुलन गड़बड़ हो गया है। बयान देने के बाद उमा भारती अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में विशेष सीबीआई अदालत में पेश होने के लिए गई।
उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में साफ-साफ लिखा है, “मुझे पीड़ा हुई क्योंकि कैबिनेट विस्तार के बारे में मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया| साथ ही उन्होंने लिखा कि “मैं हिंदुत्व के लिए छह साल की उम्र से सक्रिय हूं, लेकिन मैंने पार्टी को एक महिला, ओबीसी और लोधी के रूप में अपनी स्थिति का उपयोग करने की अनुमति दी. 27 से 55 वर्ष की आयु में पार्टी ने मुझे विभिन्न पद दिए, जिसके लिए मैं आभारी हूं”|