अगले 6 से 8 हफ्तों में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर : डॉ. गुलेरिया

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नई दिल्ली : देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सावधानियां बरतनी जरूरी है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर बताया जा रहा है कि अगले 6 से 8 हफ्तों में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगले छह से आठ सप्ताह में भारत में तीसरी कोविड लहर की संभावना है।

डॉ गुलेरिया ने बताया कि जैसा कि हमने अनलॉक करना शुरू कर दिया है, फिर से कोविड-उपयुक्त व्यवहार की कमी देखने को मिल रही है। पहली और दूसरी लहर के बीच जो हुआ उससे हमने सीखा नहीं है। फिर से भीड़ बढ़ रही है और लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं। ऐसा रहा तो राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के मामलों की संख्या बढ़ने में कुछ समय ही लगेगा।

 एक दिन में कोविड-19 के 60,753 नए मामले
बता दें कि देश में एक दिन में कोविड-19 के 60,753 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 2,98,23,546 हो गयी है, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 7,60,019 हो गयी है जो 74 दिनों में सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, 1,647 लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 3,85,137 हो गयी है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 2.55 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 96.16 प्रतिशत है।

मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को कुल 19,02,009 नमूनों की जांच की गई और इसके साथ ही अब तक देश में कुल 38,92,07,637 नमूनों की जांच हो चुकी है। संक्रमण की दैनिक दर 2.98 प्रतिशत दर्ज की गई। यह लगातार 12वें दिन पांच प्रतिशत से कम है। साप्ताहिक संक्रमण दर भी सुधर कर 3.58 प्रतिशत हो गयी है।

आंकड़ों के मुताबिक, स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या लगातार 37वें संक्रमण के नए मामलों से अधिक है। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 2,86,78,390 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.29 प्रतिशत है। देश में टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोविड-19 रोधी 27,23,88,783 खुराक दी जा चुकी है।

 शुक्रवार को कोविड-19 के 62,480 नए मामले
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 62,480 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,97,62,793 हो गई। वहीं, 1587 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,83,490 हो गई। पिछले 61 दिन में संक्रमण से मौत के ये सबसे कम मामले हैं।