पतंजलि आयुर्वेद की कोरोनिल दवा को केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने अनुमति दे दी है। कोरोनिल दवा जो की कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के नाम पर लॉन्च की गई हालांकि आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल के प्रचार- प्रसार पर लॉन्च होने के तुरंत बाद ही रोक लगा दी गई थी। हालांकि अब आयुष मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ दवा को अनुमति देदी है। शर्तो में कहा गया है कि स्टेट ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी द्वारा जारी लाइसेंस के आधार पर ही पतंजलि आयुर्वेद इन दवाओं को बेच सकेगा। लेकिन कोरोना वायरस के नाम पर ये दवा नहीं बेचीं जायेगी। साथ ही दवाइयों के लेबल पे कोरोना का जिक्र भी नहीं होना चाहिए। अब बाबा रामदेव की कोरोनिल बाजार में इम्युनिटी बूस्टर के रूप में बेचीं जा सकेगी।
दरअसल पतंजलि की कोरोना की दवाई के दावे को लेकर बवाल मचा हुआ है। केंद्र से स्टेट लाइसेंस अथॉरिटी ने रामदेव की दिव्य योग फार्मेसी को इम्युनिटी बूस्टर दवाओं के रूप में कोरोनिल निर्माण का लाइसेंस दिया था। जिसके बाद पतंजलि ने इसे कोरोना की दवा लॉन्च करने का दावा कर दिया।
वही इसके जवाब में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सफाई के रूप में कहा कि कोरोना की दवाई लॉन्च नहीं की गई है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने कभी भी कोरोना की दवा बनाने का दावा नहीं किया। हमने ऐसी दवाई बनाई है, जिससे कोरोना से संक्रमित मरीज ठीक हुए है।
हालांकि फार्मेसी इस बात से मुकर गई की उसने कोरोना किट शब्द का प्रयोग किया था