चैतन्य भट्ट
कोरोना से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीकों के कई तरह के साइड इफेक्ट सामने आ रहे थे, लेकिन अब तो गजबई हो गया, नासिक में एक बुजुर्ग का पूरा शरीर चुम्बक बन गया है उन्होंने वेक्सीन के दो डोज लगवा लिए थे लेकिन एक दिन खाना खाते समय चम्मच उनके मुंह में न जा कर उनके शरीर से जाकर चिपक गई, वे घबरा गए कि ये क्या हो गया बाद में पता चला कि भाई साहेब को जहां वेक्सीन लगी थे उसके आसपास का हिस्सा चुम्बक बन गया है घरवालों ने फिर और भी चम्मचें उनके शरीर पर लगाई कुछ सिक्के चिपकाए और वो ऐसे चिपके और तब तक नहीं निकले जब तक उनको जोर से खींच कर नहीं निकाला गया, इधर नासिक की खबर अभी शांत भी नहीं हुई थी कि अपने पड़ोसी जिले मंडला के एक और “मेग्नेट मेन” की खबर आ गई जिनके शरीर मेँ भी चम्मचें और सिक्के चिपक रहे हैं l
डाक्टर लोग भरी हलाकान है आखिर वेक्सीन में ऐसा क्या था कि लोग बाग़ “मेग्नेट मेन” बनते जा रहे हैं अपन ने इस बारे में बड़ी खोज बीन की तो पता लगा की इस देश में मेग्नेट मेन की कभी कमी नहीं रही है, पहले राजा महाराजा हुआ करते थे एक बार राज सिंहासन पर बैठ कर फिर उससे ऐसे चिपकते थे कि जब तक जीते थे उस सिंहासन से चिपके रहते थे, फिर देश आजाद हो गया देश में नेताओं की जमात पैदा हो गई, ये भी कोई कम मेग्नेट मेन थोड़े ही न हैं आज तक आपने किसी नेता या मंत्री को देखा है जिसने अपने मन से कुर्सी छोड़ दी हो ये भी कुर्सी पर ऐसे चिपकते है जैसे भैंस और गाय के शरीर में “जोंक”, कितनी ही कोशिश कर लो किसी भी हालत में कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं होते,
प्रतिद्वंदी नेता उन्हें उस कुर्सी से उतारने के लिए पूरी ताकत से खींचते है लेकिन क्या मजाल है कि कोई मंत्री अपनी कुर्सी से टस से मस हो जाए उनके अंदर उस कुर्सी को लेकर ऐसी चुंबकीय ताकत पैदा हो जाती है कि वे और कुर्सी दोनों एक हो जाते हैं, फिर आता है अफसरों का नंबर, इनके शरीर में ही “चुंबकीय ताकत” अफसर बनते ही आ जाती है , जिस कमाई वाली पोस्ट पर उनकी पोस्टिंग हो जाती है उससे वे तब तक चिपके रहते है जब तक उनसे ज्यादा बड़ा और “पॉवरफुल मेग्नेट मेन” में नहीं आ जाता,
कोशिश तो उनकी भी यही रहती है कि उनकी पोस्ट पर और कोई दूसरा मेग्नेट मेन में न बैठ पाए पर कहते हैं न कि सेर को सवा सेर भी मिल जाता है और यंहा भी ऐसा होता होता है उनसे बड़ा मेग्नेट मेन आकर कुर्सी को इशारा करता है और वो कुर्सी पुराने वाले अफसर को धकेल कर बड़े और पावरफुल मेग्नेट मेन से आकर चिपक जाती है, वैसे कुर्सी भी बड़ी ही बेवफा होती हैं कब किसकी हो जाए आपको रातो रात अपने ऊपर से धकेल दे कहा नहीं जा सकता बस आपमें उतनी चुंबकीय शक्ति होना चाहिए अपने को लगता हैं की इन राजा, महाराजाओं, नेताओ, मंत्रियो, और अफसरों को पहले से ही अदृश्य वेक्सीन लग चुकी होगी इसलिए इनमें इतनी चुंबकीय ताकत पैदा हो गई होगी l
कोरोना धाड़ें मार मार कर कर रोने लगा
कोरोना भले ही कितना दुष्ट हो, हजारो लोगों की जान ले चुका हो लेकिन “आफ्टरऑल” उसके दिल में भी कंही न कही भावनाये तो हैं जब उसने देखा कि उसके तमाम उपद्रव के बाद भी भारत के लोग उसका मंदिर बना कर उसे “कोरोना माता” की संज्ञा देकर उसकी पूजा अर्चना कर रहे हैं है तो वो भी पिघल गया, जी हाँ आपको पता है उत्तर पदेश के प्रताप गढ़ के एक गांव में लोगों ने बाकायदा “कोरोना माता” का मंदिर बना कर उसकी पूजा अर्चना शुरू कर दी है लोग बाग़ दर्शन के लिए जाने लगे और वो भी कोरोना के पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए l
कोरोना ने जब ये देखा कि जिस देश में मैं मौत का तांडव मचा रहा हूँ वंहा के लोग बाग़ मेरा मंदिर बनाकर सुबह शाम मेरी पूजा अर्चना कर रहे है तो उसकी आँखों मेँ आंसू आ गए, वो धाड़ें मार मार कर कर रोने लगा, हाथ जोड़कर बोला हे भारतवासियो धन्य हो आप लोग, जहां दूसरे देश मुझे मारने, मेरा असर ख़त्म करने के लिए तरह तरह की दवाइयां और इंजेक्शन बना रहे है वंहा आप मुझे देवी और माता मानकर मेरे लिए मंदिर बनाकर मेरी पूजा अर्चना कर रहे हो, धिक्कार है मेरे इस जीवन पर और धन्य है आपकी आस्था और विश्वास l
बताया जा रहा है कि ये विश्व का पहला कोरोना माता का मदिर है जो अपने आप में एक अजूबा बन गया है, अपने को तो लगता है कि विश्व में जो सात अजूबे है उनमें आठवां अजूबा बनकर ये मंदिर भी जुड़ जाएगा, ये भी पता लगा है कि पुलिस ने उस मंदिर को ढहा दिया है लेकिन कोरोना माता को मानने वाले मानने वाले है आप एक मंदिर ढहाओगे वे दूसरी जगत “कोरोना माता” को स्थापित कर देंगे यही कारण है कि लोगों की पूजा अर्चना ने कोरोना को ‘पानी पानी’ कर दिया है और अब वो अपनी पूरी फेमिली अपने बाल बच्चों और अपने पूरे कुनबे को लेकर इस देश को छोड़ कर धीरे धीरे अलविदा कह रहा है उसको इस बात का संतोष रहेगा कि भले ही अब वो इंडिया में “स्टे” न कर रहा हो लेकिन उसका मंदिर तो है जो भारतवासियों को हमेशा उसकी याद दिलाता रहेगा l
सुपर हिट ऑफ़ द वीक
श्रीमान जी की छत से पानी टपक रहा था वो भी ठीक डायनिंग टेबल के ऊपर
प्लम्बर ने उनसे पूछा “आपको कब पता चला कि छत से पानी टपक रहा है”
“कल रात जब मेरा पैग तीन घंटे में भी ख़तम नहीं हुआ” श्रीमान जी का उत्तर था