मंगलवार को देर रात मध्यप्रदेश भाजपा ने अपनी प्रदेश कार्यसमिति घोषित कर दी. इसमें पहली बार पदाधिकारियों के नाम के आगे उनकी जाति लिख दी गई. इस सूची को सोशल मीडिया पर भी जारी किया गया था. जिसके बाद जाति को लेकर सोशल मीडिया पर विवाद शुरू हो गया. बढ़ते विवाद के चलते सूची को 10 मिनट बाद सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा लिया गया. इसके बाद रात 12:45 बजे पदाधिकारियों की जाति हटाकर संशोधित लिस्ट जारी की गई.
इसमें सिंधिया के कुछ समर्थकों को भी एंट्री दी गई है. ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी पदाधिकारी के नाम के आगे उसका वर्ग, जाति का उल्लेख किया गया. इसमें कुछ नेताओं की जाति ही गलत लिख दी गई. जैसे- भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय वैश्य हैं, लेकिन उनके नाम के आगे ब्राह्मण लिखा हुआ था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया की भी जाति गलत लिखी गई थी.