ब्लैक फंगस के इंजेक्शन कर रहे हैं मरीजों की किडनी खराब, वापस भेजें : संजय शुक्ला

Share on:

इंदौर : कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि उद्योगपति के विमान से इंदौर बुलवाएं गए ब्लैक फंगस के इंजेक्शन मरीजों की किडनी खराब करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इन इंजेक्शन को वापस भेज दिया जाए।

आज रेसीडेंसी कोठी पर आयोजित इंदौर जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में विधायक शुक्ला ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इंदौर में जो इंजेक्शन आए थे , वह इंजेक्शन जिस भी मरीज को लगाए गए उसकी तबीयत बिगड़ गई है। यही स्थिति उज्जैन में भी हुई है।

इस इंजेक्शन का रिएक्शन हो रहा है और वह मरीजों की किडनी को भी खराब कर रहा है। विधायक शुक्ला ने जब यह मामला उठाया तो इस बैठक में मौजूद राज्य स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य डॉ निशांत खरे से भी इस बारे में बात की गई। उन्होंने भी बैठक में साफ शब्दों में कहा कि यह इंजेक्शन गलत है । इसका रिएक्शन हो रहा है। इस स्थिति में विधायक शुक्ला के द्वारा बैठक में इन इंजेक्शन को वापस लौटाने की मांग उठाई गई।

1 जुलाई से खोल दो स्कूल
इस बैठक में विधायक शुक्ला ने कहा कि कक्षा पहली से आठवीं तक के स्कूलों को 1 जुलाई से चालू कर दिया जाना चाहिए । अभी स्कूलों के द्वारा ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी गई है। प्रशासन के द्वारा कॉपी , किताब और स्टेशनरी की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है, जिसके कारण स्कूली बच्चों के अभिभावकों को महंगे दाम पर कॉपी किताब खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है । इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए अब सबसे पहले कॉपी किताब और स्टेशनरी की दुकानों को खोला जाना चाहिए । इसके साथ ही सभी स्कूलों में 1 जुलाई से ऑफलाइन क्लास का संचालन करने की अनुमति भी दी जाना चाहिए ।

अब मौत के प्रमाण पत्र की भी परेशानी
विधायक शुक्ला ने कहा कि जब कोरोनावायरस का संक्रमण फेल रहा था, तो उस समय पर मरीजों के परिजनों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए भटकना पड़ रहा था। जब मरीज अस्पताल में भर्ती हो गया तो उसके इलाज के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए यह परिजन भटकते रहे । फिर मरीज के लिए रेमदेसीविर इंजेक्शन की व्यवस्था करने के लिए यह परिजन भटकते रहे। जिन मरीजों की इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मौत हो गई उनके परिजन अब मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। अस्पताल और इंदौर नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है।