इंदौर : राजेश राठौर
‘मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों कोचाहता तो केस दर्ज कराकर जेल में डलवा देता, लेकिन ये तो प्यादे हैं, इनके पीछे जो चेहरे हैं, वो मुझसे डर रहे हैं।’ यह कहना है कलेक्टर मनीषसिंह का। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना से लड़ रहा हूं। इससे निपटने के बाद बताऊंगा कि झूठी अफवाह फैलाना, सोशल मीडिया पर गलत खबरें चलाना कितना महंगा पड़ेगा। मेरे खिलाफ कोई मौका नहीं मिला तो फिजूल की बातें भू-माफियाओं ने अपने प्यादों से चलवाईं। मुझे पता है कि शहर में कौन बकवास बातें करने वाले हैं, उनके मकसद क्या हैं, उनके कंधों का इस्तेमाल कौन करते हैं, मेरे खिलाफ सोशल मीडिया पर जो भी चला है, वो कोई सही साबित नहीं कर पाया। अपने नौकर और डमी नाम से प्रापर्टी खरीदने वाले शहर के जो बड़े चेहरे सफेदपोश बनकर घूमते हैं, उनके कारनामे उजागर होंगे। दो-तीन महीने बाद जब कार्रवाई होगी, तब समझ जाना कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग किन लोगों ने करवाया था।
उन्होंने कहा कि इस शहर को कुछ लोग चलाना चाहते हैं। अब इसी शहर में लोग उनको जेल जाते भी देखेंगे। वे सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों से भी नाराज हैं, जो बड़े लोगों का जरिया बनकर फर्जी खबरें चलाते हैं। ऐसे लोगों को भी वक्त आने पर ठीक कर दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर आईटी एक्ट में केस दर्ज करने का अभियान भी चलेगा। कलेक्टर ने कहा कि इस शहर में अच्छे लोग भी हैं, जो सोशल मीडिया का सामाजिक मदद के लिए उपयोग करते हैं। उनसे सीखना चाहिए। पूछा कि कोरोना से कब तक जीत जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि यदि लोगों ने पूरा साथ दिया तो 15 अगस्त तक इंदौर शहर कोरोना मुक्त हो सकता है। मैं भी चाहता हूं कि शहर जल्दी कोरोना से मुक्त हो, ताकि हम शहर के विकास में लग सकें। अभी तो दो महीने इन सब कामों के लिए समय नहीं मिल पाएगा।
कोरोना से लडऩे के लिए इंदौर में जो कांटेक्ट हिस्ट्री का अभियान चलाया, उसके कारण पॉजिटिव केस तेजी से कम हुए। जो लोग समय पर इलाज कराने पहुंचे, वे ज्यादातर ठीक होकर आ गए हैं। पहले शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु दर तेरह-चौदह फीसद थी, वो अब चार हो गई है। 15 जुलाई तक पूरा शहर खुल जाएगा। हमारी कोशिश होगी कि धर्मस्थल, शापिंग मॉल और बगीचे एक-एक करके खोलते जाएं। वैसे शहर खोलने और अनुमति देने के मामले में कोई भी फैसला मैं अकेला नहीं करता। क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी की मीटिंग में जनप्रतिनिधियों और व्यापारिक संगठनों की सलाह पर ही फैसले लेते हैं। सब ठीक रहा, तो ये शहर सितंबर तक पहले की तरह रौशन हो जाएगा।