कोरोना महामारी में कई लोग ऐसे हैं जिनकी मानसिक सेहत पर ज्यादा असर हुआ है. इसी वजह से हेल्पलाइन नंबरों पर आने वाले कॉल की तादाद बढ़ गई है. पिछले साल दिल्ली के स्नेही फाउंडेशन के संस्थापक अब्दुल माबूत कोविड ने कोविड से जुड़े मानसिक सेहत के मामलों को देखने वाली मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन की शुरुआत की थी. अब्दुल के मुताबिक कोविड की वजह से लोगों के अंदर लाचारी, घबराहट, दुख, अवसाद, पछतावा और सदमे से होने वाले तनाव के मामले बढ़ गए हैं.
पिछले साल से यह हेल्पलाइन कोविड से जुड़ी मानसिक परेशानियों से निपटने में लोगों की मदद कर रही है. एक टीम रोज़ 40 के करीब कॉल लेती है और अब तक सात हज़ार लोगों की मदद की जा चुकी है.
लेकिन माबूद के मुताबिक पिछली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में इस तरह के कॉल की तादाद काफी बढ़ गई है. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि नवंबर के बाद के आंकड़े देखें तो आत्महत्या के विचार आने वाले लोगों के कॉल 7 फीसदी हो गए हैं जो पहले एक फीसदी थे. ज्यादातर वो लोग हैं जो कोविड के बाद आर्थिक दिक्कत या लाचारी से जूझ रहे हैं.