चक्रवात तूफ़ान टाउते के बाद देशभर के कई हिस्सों में अब चक्रवाती तूफ़ान यास का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव की वजह से इस तूफ़ान में बड़ा बदलाव आने की संभावनाएं हैं। साथ ही उसके 26 मई को पश्चिम बंगाल और ओडिशा तट पर पहुंचने का अनुमान जताया है।
ऐसे में इस तूफान का मध्यप्रदेश में व्यापक असर होने की संभावना नहीं है। लेकिन इसके प्रभाव से झारखंड, उडीसा और छत्तीसगढ में तेज हवाएं चलने के साथ ही घनघोर बारिश होने के आसार हैं। ऐसे में वहां के वातावरण में नमी की कम होने से सोमवार से राजधानी सहित मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान में तेजी से बढोतरी का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
इसको लेकर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा का कहना है कि रविवार को प्रदेश के मध्य भाग में उत्तर की तरफ एक ऊपरी हवा का चक्रवात बनने से वातावरण में नमी मिलने लगी थी। साथ ही सुबह के समय करीब नौ बजे से तेज रफ्तार से उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवा चलने के कारण बादल छाने लगे थे। उन्होंने बताया कि इससे अधिकतम तापमान में गिरावट हुई। रविवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 38. 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
जो सामान्य से दो डिग्री से कम रहा। साथ ही शनिवार के अधिकतम तापमान (39.3 डिग्री से.) की तुलना में 0.7 डिग्री से. कम रहा। कम रहा। उन्होंने आगे बताया है कि चक्रवाती तूफान यास के 26 मई को उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के बीच में टकराने की संभावना है। इसके प्रभाव से झारखंड, उडीसा और छत्तीसगढ में तेज हवाएं चलने के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान मप्र के पूर्वी क्षेत्र में कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं।
इसके अलावा नौपता में शुरू के तीन दिन रहेगी अच्छी तपिश। इसको लेकर पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला का कहना है कि प्रदेश के मध्य में बना ऊपरी हवा का चक्रवात सोमवार को समाप्त हो जाएगा। दरअसल, नमी कम होते ही बादल छंटने से सोमवार से ही अधिकततम तापमान में तेजी आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। नौतपा की शुरूआत में 28 मई तक राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में तीन से पांच डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही बूंदाबांदी के आसार बनने से तापमान में गिरावट होने लगेगी।