आधुनिकता के इस युग में सबसे धीमी चाल विधुत मंडल की है ।हम अनेक क्षेत्रों में आगे बढ गए लेकिन इस क्षेत्र में हम पिछड़े हुए है ।देश में सोलर सिस्टम की और ज़रूर हमें आगे बढे है, लेकिन अभी भी थोड़ी सी बारिश में ही बिजली गुल हो जाती है।यही नही जरा सी तेज हवा चलने से बिजली गुल हो जाती है ।यह कई वर्षों से आम जनता इसका सामना क़र रही है ।आख़िर हम क्यूँ नही अपडेट हो पा रहे है ।इसमें सुधार क्यूँ नही हो पा रहा है।जबकि बारिश के पूर्व विभाग बिजली तारो पर से पेड़ो की डालियों को भी हटाता है फिर भी समस्या बनी रहती है ।
शहर की सुंदरता में हम आगे निकल गए ।लेकिन बिजली के इधर उधर खम्बों का लगा होना ,अनेकों जगह वायर का झुंड होना ,वायर का लटकना ,डी पी बाक्स खुला पड़ा रहना ,अनेक़ो बार खुला छोड़ देना ,यह सब दुर्घटना को आमंत्रण है । जो सुंदरता भी शहर की कम करती है ।अनेको योजनाएँ बनती है लेकिन इस और कार्य की गति व उत्साह में कमी दिखाई देती है ।अनेको बिजली खम्बे के बाक्स आपको खुले दिख जायगे या उनके दरवाज़े टूटे नज़र आयगे ।कालोनियों में तो और ज़्यादा बदतर हालात है और ख़तरे का डर बना रहता है ।
लोग बिजली के बिलों से भी परेशान रहते है अनेको लोग आपको विभाग के चक्कर लगाते परेशान होते दिखेंगे।तेज हवाओं से हल्की बारिश से जब बिजली चली जाती है और कब आएगी इसका पता नही होता ,फ़ोन लगाते रहो ,अंधेरो में बैठे रहो ,जब आ जाए तब सही ।यह अभी तक हम अपडेट नही कर पाए है ।
क्या अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिक केबल बिछाने में भी समस्या बनी हुई है ।इस दिशा में सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए नई योजनाएँ लाकर आधुनिकता के इस युग में नई पहल से जनता को राहत मिले सके ।
देवेन्द्र बंसल