Bhopal: ED और लोकायुक्त पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, सौरभ शर्मा के मामले को रफा – दफा करने की साज़िश

Abhishek singh
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सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी के बाद जारी जांच पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने बुधवार को पीसीसी में आयोजित प्रेस वार्ता में सवाल उठाते हुए कहा कि देशभर में मनीष सिसोदिया और हेमंत सोरेन जैसे मुख्यमंत्री स्तर के नेताओं को पहले गिरफ्तार किया जाता है और बाद में चार्जशीट दाखिल होती है, लेकिन मध्य प्रदेश में मंत्री स्तर के नेताओं की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई। सौरभ शर्मा के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो रहा?

उन्होंने आरोप लगाया कि देश में पक्षपात, अन्याय और भ्रष्टाचार का गठजोड़ सक्रिय है, जो देश को लूटने वालों को संरक्षण दे रहा है। लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा को रिमांड पर लिया है, वहीं ईडी भी अपनी अलग जांच कर रही है। इसे सरकारी गवाह बनाने की तैयारियां हो चुकी हैं, जिससे स्पष्ट है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

इनका फरेब पहले ही उजागर हो चुका

नायक ने मांग की है कि पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह समेत इस अवधि में रहे सभी परिवहन अधिकारियों को पुलिस तुरंत गिरफ्तार करे, ताकि हिरासत में रहते हुए उनकी जांच हो सके। उन्होंने कहा कि इनका झूठ पहले ही उजागर हो चुका है, और यदि ये लोग बाहर रहे तो जांच प्रभावित हो सकती है, इसलिए पुलिस को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।

नायक ने भूपेंद्र सिंह के उस दावे पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सौरभ शर्मा की नियुक्ति में उनका कोई हाथ नहीं है। जबकि हकीकत यह है कि स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी को नियमों को ताक पर रखकर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए परिवहन विभाग में नियुक्त किया गया, और यह नियुक्ति खुद भूपेंद्र सिंह के हस्तक्षेप से हुई। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश में हजारों लोग अब भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं।

रिमांड पर लिया गया सौरभ शर्मा, जो 41 दिन बाद पुलिस की गिरफ्त में आया, उसकी गतिविधियों को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वह 23 जनवरी को दुबई से भारत लौटा था। ऐसे में, यह जांच का विषय है कि वह इतने दिनों तक किसके संरक्षण में था।

मंत्री राजपूत पर निशाना

नायक ने कहा कि मंत्री गोविंद राजपूत पर इतने गंभीर आरोप हैं कि उनके लिए जेल ही सही जगह है। उन्होंने एक पुराने मामले का जिक्र करते हुए बताया कि 22 अगस्त 2016 को मानसिंह पटेल नामक व्यक्ति रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था। अगले दिन, उनके बेटे सीताराम उर्फ महेश ने सागर के सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर गोविंद राजपूत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सात-आठ लोगों के साथ मिलकर उनके पिता को जबरन उठा ले गए और उनका अपहरण कर लिया।

हालांकि, नायक ने आरोप लगाया कि गोविंद राजपूत ने अपने राजनीतिक प्रभाव और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए इस नामजद रिपोर्ट को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज करवा दिया, जिससे मामला कमजोर पड़ गया।