आसमान में एक लाइन में दिखेंगे 6 ग्रह! 396 अरब साल में आज पहली बार आसमान में दिखेगा यह दुर्लभ खगोलीय नजारा

srashti
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Parade of Planets on 21 January 2025 : 21 जनवरी 2025 की रात को एक अद्वितीय खगोलीय घटना होने जा रही है, जब आकाश में ग्रहों की परेड देखने को मिलेगी। छह ग्रह – मंगल, शुक्र, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, और नेपच्यून – एक सीधी लाइन में आकर धरतीवासियों को एक दुर्लभ दृश्य का आनंद देंगे। यह खूबसूरत नजारा 8 मार्च तक हर रात आसमान में नजर आएगा, और 15 फरवरी के बाद बुध ग्रह भी इस परेड का हिस्सा बनेगा।

पूरे विश्व में होगा ग्रहों का अद्भुत संयोग

सूर्यास्त के बाद, लगभग साढ़े 8 बजे से यह ग्रहों की परेड देखी जा सकेगी। यह नजारा आधी रात के बाद गायब होने लगेगा। मंगल, बृहस्पति और यूरेनस पूरी रात आकाश में चमकते रहेंगे, जबकि शुक्र और शनि पश्चिम दिशा में और बृहस्पति एवं मंगल पूर्व दिशा में नजर आएंगे। इस परेड को सबसे अच्छा समय 21 जनवरी से 21 फरवरी 2025 के बीच होगा, खासकर अमावस्या के दिनों में इसे देखने का अनुभव सबसे शानदार रहेगा।

फोर्ब्स के अनुसार, ग्रह पूरी तरह से एक लाइन में नहीं होंगे, बल्कि कुछ डिग्री का अंतर होगा, लेकिन धरती से देखने पर वे एक लाइन में नजर आएंगे। इस परेड के दौरान, सबसे चमकता हुआ ग्रह होगा शुक्र, जबकि मंगल ग्रह को लाल रंग के डॉट की तरह देखा जाएगा। शनि और बृहस्पति धुंधले बिंदु जैसा दिखाई देंगे। टेलिस्कोप से देखेंगे तो बृहस्पति के चारों चंद्रमा भी देखे जा सकते हैं।

कब और क्यों होते हैं ग्रहों का संरेखण?

यह घटना तब होती है जब सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाले सभी ग्रह एक दिशा में आ जाते हैं। हालांकि, ये ग्रह एक-दूसरे से बहुत दूर होते हैं, लेकिन पृथ्वी से देखने पर यह एक साथ नजर आते हैं। यह संयोग दुर्लभ होता है, और जब तक ग्रहों के यह पंक्ति एक-दूसरे से दूर होते हैं, तब तक यह अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।

खास है यह परेड

इस परेड को देखने के लिए विशेष ऐप्स जैसे स्टार वॉक, स्टेलेरियम और स्काई पोर्टल का उपयोग किया जा सकता है। इन ऐप्स से आप ग्रहों की परेड का ट्रैक आसानी से कर सकते हैं। 1997 और 2024 में भी इस तरह के संरेखण देखने को मिले थे, लेकिन इस बार यह नजारा और भी खास होने वाला है।

सौरमंडल पर कोई असर नहीं

यह परेड सौरमंडल पर कोई असर नहीं डालती, और वैज्ञानिक रूप से इस घटना से पृथ्वी या ग्रहों की गति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 396 अरब साल में एक बार होने का दावा, जो कुछ जगहों पर किया गया था, वह गलत है, क्योंकि यूनिवर्स की उम्र 13.8 अरब साल है।