आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का इंदौर में दिया गया बयान अब देश की राजनीति में हलचल मचा रहा है। उनके संविधान पर टिप्पणी के बाद राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ चुकी हैं। अब इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
पहले यह समझ लीजिए कि मोहन भागवत ने क्या कहा था। भागवत ने इंदौर में देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में कहा था कि भारत ने कई शतकों तक परचक्र झेला, लेकिन उसकी सच्ची स्वतंत्रता की प्रतिष्ठा उस दिन स्थापित हुई जब उसे राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। 15 अगस्त को भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त हुई, और हमने अपना संविधान भी बनाया, लेकिन संविधान के भाव के अनुसार वह लागू नहीं हो सका। भागवत के इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी आपत्ति जताई है।
राहुल गांधी ने भागवत के बयान को लेकर उठाए थे सवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के नए कार्यालय के उद्घाटन के दौरान आरएसएस और भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए अपनी बातें रखी, जिससे राजनीति में हलचल मच गई। राहुल ने कहा कि कांग्रेस न केवल भाजपा और आरएसएस, बल्कि भारतीय राज्य से भी लड़ाई लड़ रही है क्योंकि दोनों ने देश के सभी प्रमुख संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। राहुल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को संविधान पर हमला करार देते हुए कहा कि भागवत का कहना है कि 1947 में भारत को सच्ची स्वतंत्रता नहीं मिली, जो भारतीय नागरिकों का अपमान है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस बयान पर प्रतिक्रिया दी, कहा कि अगर मोहन भागवत इसी तरह के बयान देते रहे, तो उनके लिए देश में घूमना मुश्किल हो जाएगा। खरगे ने यह भी कहा कि आरएसएस और बीजेपी के लोग 1947 में मिली स्वतंत्रता को नहीं समझते क्योंकि उनके वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं दिया।
सीएम मोहन यादव की एंट्री
राहुल गांधी के बयान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह बेहद दुख की बात है कि कांग्रेस देश विरोधी तरीके से अपनी पहचान बना रही है, और राहुल गांधी इस अभियान के मुखिया हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता आतंकवादियों का नाम सम्मानपूर्वक लेते हैं और देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भूल गए हैं कि वे लोकतंत्र के दूसरे सबसे बड़े पद पर आसीन हैं, और देश की जनता उन्हें इस तरह के बयान के लिए माफ नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को अपने बयान पर खेद जताना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में नीतियों पर चर्चा हो सकती है, लेकिन देश विरोधी मानसिकता को जनता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगी। उनका मानना है कि राहुल गांधी को यह समझ आ जाएगा और वे माफी मांगेंगे।