भारत ने अंतरिक्ष में रचा नया इतिहास! ISRO के SpaDeX ने सफलतापूर्वक पूरा किया डॉकिंग प्रोसेस, ऐसा करने वाला बना चौथा देश

srashti
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SpaDeX Docking Successful : भारत ने एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है, जब इसरो के स्पैडेक्स मिशन ने अंतरिक्ष में सफल डॉकिंग कर भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बना दिया है, जिसने पृथ्वी की कक्षा में दो उपग्रहों की डॉकिंग पूरी की। यह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए एक गर्व का पल है और देशवासियों के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने इस महान उपलब्धि के लिए इसरो को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर इसरो के वैज्ञानिकों और समस्त अंतरिक्ष समुदाय को बधाई दी। उन्होंने कहा, “उपग्रहों की डॉकिंग सफलता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले वर्षों में हमारे अंतरिक्ष मिशनों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”

इसरो : एक ऐतिहासिक क्षण

इसरो ने भी इस मिशन की सफलता को ऐतिहासिक माना और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्पैडेक्स मिशन की डॉकिंग प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई है। 15 मीटर से 3 मीटर तक की दूरी को तय करने का प्रोसेस सफलतापूर्वक पूरा हुआ और स्पेसक्राफ्ट को कैप्चर किया गया। अब भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग हासिल करने वाला चौथा देश बन चुका है।

12 जनवरी को हुआ था स्पैडेक्स मिशन का ट्रायल

स्पैडेक्स मिशन का ट्रायल 12 जनवरी को सफलतापूर्वक पूरा हुआ था। इस दौरान चेजर और टारगेट उपग्रह एक-दूसरे के बेहद करीब आए, पहले 15 मीटर और फिर 3 मीटर की दूरी पर। इससे पहले 11 जनवरी को दोनों उपग्रहों के बीच 230 मीटर की दूरी थी। यह मिशन दो से तीन बार स्थगित होने के बाद आखिरकार अपनी मंजिल पर पहुंचा।

30 दिसंबर को लॉन्च हुआ था स्पैडेक्स मिशन

स्पैडेक्स मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को प्रदर्शित करना था, जो भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। इस मिशन को 30 दिसंबर 2024 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C60 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया था।

चंद्रयान-4 के लिए मील का पत्थर

यह मिशन चंद्रयान-4 और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की सफलता के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-4 मिशन में डॉकिंग-अनडॉकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, और यह भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, यह मिशन इंसान को चंद्रमा पर भेजने की योजना को भी साकार करेगा।