केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए बयान के बाद से मध्य प्रदेश में अंबेडकर को लेकर सियासी बवाल जारी है। इसी सिलसिले में एक दिन पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने आरोप लगाया था कि पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी के कार्यालय में डॉ. भीमराव अंबेडकर की फोटो राहुल गांधी के नीचे लगी है, जिससे उनका अपमान हो रहा है। उन्होंने मांग की थी कि जीतू पटवारी को माफी मांगनी चाहिए।
इस आरोप पर मंगलवार को जीतू पटवारी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उनके ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बापू और बाबा साहब की तस्वीरें बैकड्रॉप में लगी थीं, जबकि बाकी तस्वीरें पहले से ही ऑफिस में मौजूद थीं। पटवारी ने यह भी कहा, “भा.ज.पा. झूठ बोलने में भी ऐसी गलती करती है, जिसमें उसे पकड़ा जाता है। मैं डॉ. भीमराव अंबेडकर को भगवान मानता हूं, और आपको पता नहीं, क्या आप उन्हें मानते हैं या नहीं।”
फोटो तो याद आती है, लेकिन अंबेडकर के संविधान का ज्ञान नहीं
जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा को केवल फोटो याद रहती हैं, लेकिन बाबा साहब के संविधान का संदेश वे भूल जाते हैं। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर वे चुप्पी साधे रहते हैं। पटवारी ने सवाल उठाया कि संसद में अमित शाह ने जो कहा, उस पर भाजपा के नेता क्यों कुछ नहीं बोलते? अमित शाह के बयान की देशभर में आलोचना हो रही है, और उनका संसद में दिया गया वक्तव्य, जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसकी भी तीव्र निंदा की जा रही है।
जानिए पूरा विवाद
शनिवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (पीसीसी) जीतू पटवारी के आवास पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। इस दौरान कांग्रेस नेताओं के पीछे दीवार पर कुछ तस्वीरें दिखाई दीं। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, “मैंने यह पहले ही कहा था। जीतू पटवारी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या राहुल गांधी, बाबा साहेब अंबेडकर और गांधी जी से ऊपर हैं? यही कांग्रेस का असली चरित्र है, और यह कांग्रेस के मन के भाव भी दिखाता है, जो चित्रों में नजर आते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब का अपमान न केवल एक बार, बल्कि बार-बार किया है। गांधी जी के नाम का दुरुपयोग किया, लेकिन उनके विचारों पर कभी नहीं चली। वीडी शर्मा ने गर्व के साथ यह कहा कि गांधी जी और बाबा साहब के विचारों और उनके सम्मान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सच्चाई के साथ जमीन पर उतारा है। अब कांग्रेस के नेतृत्व से इन सवालों का जवाब मिलना चाहिए।