Indore Breaking : इंदौर में MIC सदस्य जीतू यादव और पार्षद कमलेश कालरा के बीच चल रहे विवाद के बाद, भाजपा ने शनिवार को पार्षद जीतू यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले, जीतू यादव ने भाजपा और महापौर परिषद से इस्तीफा दे दिया था।
जीतू यादव ने यह लिखा इस्तीफे में
यहां से शुरू हुआ था विवाद
इंदौर शहर में भाजपा के एमआईसी सदस्य जीतू यादव और पार्षद कमलेश कालरा के बीच चल रहे विवाद ने शनिवार को एक बड़ा मोड़ लिया है। भाजपा ने जीतू यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस विवाद के बीच कालरा के घर पर हुए हमले के बाद, जीतू यादव की गिरफ्तारी भी जल्द हो सकती है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
घटना के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी काफी चर्चा का विषय बनी रही। कोई भी नेता सामने नहीं आया और इस विवाद पर कोई बयान नहीं दिया। हालांकि, घटना के पांच दिन बाद, गुरुवार रात को सांसद शंकर लालवानी ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट डालते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इसके कुछ देर पहले, महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी कालरा के घर पहुंचे थे।
कमलेश कालरा और जीतू यादव के बीच विवाद की शुरुआत एक ऑडियो क्लिप से हुई थी। इस ऑडियो में पार्षद कालरा एक नगर निगम कर्मचारी से बात कर रहे थे, जिसमें जीतू यादव का नाम लिया गया था। इसके बाद एक और ऑडियो सामने आया, जिसमें जीतू यादव ने कालरा से गुस्से में यह कहा कि उनका नाम क्यों लिया गया।
कालरा के घर पर हमला
इसके बाद पार्षद कमलेश कालरा के घर पर असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कालरा के परिजनों के साथ मारपीट की और उनके बेटे को निर्वस्त्र करके उसका वीडियो बना लिया। कालरा ने आरोप लगाया कि यह हमला जीतू यादव के समर्थकों द्वारा कराया गया था।
समाजजन द्वारा निंदा प्रस्ताव पारित
घटना के विरोध में शुक्रवार को शहर के विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें कालरा परिवार पर हमले और नाबालिग बेटे के साथ हुए दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की गई। बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया और इन घटनाओं के विरोध में एक जन आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई। इसमें मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने और मानव शृंखला बनाने का निर्णय लिया गया।
आरोपितों में नगर निगम के मस्टरकर्मी भी शामिल
यह खुलासा भी हुआ है कि कालरा के घर पर हमले और नाबालिग बेटे को निर्वस्त्र करने वाले आरोपितों में कुछ नगर निगम के मस्टरकर्मी भी शामिल थे। नगर निगम ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि जो लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।