Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा महाकुंभ, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है। लाखों श्रद्धालु और साधु-संत इस पवित्र अवसर पर संगम के किनारे स्नान करने और पुण्य अर्जित करने के लिए आएंगे। इस भव्य आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और मेला प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं, जिनमें श्रद्धालुओं के भोजन-प्रसाद की विशेष व्यवस्था भी शामिल है। आइए जानते हैं कि महाकुंभ में किस तरह भंडारे का आयोजन किया जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए भोजन की क्या व्यवस्था की जा रही है।
Maha Kumbh में कौन करता हैं भंडारे का आयोजन?
महाकुंभ में भंडारे का आयोजन मेला प्रशासन द्वारा किया जाएगा, जो लाखों श्रद्धालुओं और साधु-संतों के लिए भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, 10 लाख कल्पवासियों को भी दो बार राशन देने की योजना बनाई गई है। यह राशन वितरण, खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के लिए होगा जो माघ महीने में संगम पर निवास करते हुए पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं।
लाखों कल्पवासियों के लिए होता हैं खास इंतजाम
महाकुंभ के दौरान कल्पवास का महत्व बहुत अधिक होता है। यह एक आध्यात्मिक साधना है, जिसमें श्रद्धालु पूरे महीने संगम में निवास करके स्नान करते हैं और धार्मिक क्रियाओं में भाग लेते हैं। कल्पवासियों के लिए खास राशन कार्ड बनाने की योजना है, ताकि उन्हें उनकी आवश्यकतानुसार दो बार राशन उपलब्ध कराया जा सके।
धार्मिक संस्थाओं द्वारा भंडारे का आयोजन
महाकुंभ में भंडारे का आयोजन केवल मेला प्रशासन द्वारा ही नहीं, बल्कि देश भर की विभिन्न धार्मिक संस्थाओं और आश्रमों द्वारा भी किया जाता है। इनमें प्रमुख रूप से साकेत धाम आश्रम और हरियाणा के पिहोवा से संगमेश्वर महादेव मंदिर की ओर से भंडारा सामग्री भेजी गई है। इसके अलावा, कई अन्य आश्रमों और संस्थाओं ने भी महाकुंभ के लिए भोजन सामग्री भेजने की घोषणा की है। यह भंडारे श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन प्रदान करेंगे, जिससे उनकी धार्मिक यात्रा में कोई विघ्न न आए।
महाकुंभ के दौरान एक खास धार्मिक परंपरा भी निभाई जाती है, जिसके अनुसार श्रद्धालुओं से आटे का दान करने की अपील की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आटे का दान विशेष रूप से पुण्यकारी माना जाता है। यह दान न केवल आस्था को प्रगाढ़ करता है, बल्कि समाज में सामाजिक सहायता का भी प्रतीक बनता है। महाकुंभ में इस तरह के दान से मिलने वाली सामग्री का उपयोग भंडारे के आयोजन में किया जाता है, जिससे लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है।