LAC पर लगातार बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच बातचीत का दौर चल रहा है| पिछले एक महीने में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों में कई बार की बातचीत हुई है| वही सोमवार को दोनों देशों के बीच बातचीत हुई और इस बीच मंगलवार को सेना प्रमुख एम. एम. नरवणे लेह पहुंचे| सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने लेह में सेना के अस्पताल में घायल जवानों से मिले, उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया।| साथ ही सेना प्रमुख ने कहा कि आपने बढ़िया काम किया, लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है|
वही गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद बढ़े तनाव को कम करने को लेकर भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों की बैठकें लगातार जारी है| बता दे की
इससे पहले सोमवार को जब चीन के नियंत्रण वाले हिस्से मोल्डो में बैठक हुई थी| भारत ने चीन से साफ शब्दों में कह दिया कि वो 5 मई से पहले जिस जगह पर था, उस जगह पर वापस लौटे.अब खबर है कि दोनों देशों में इसको लेकर सहमति भी बनी है|
वही गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद बढ़े तनाव को कम करने को लेकर भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों की बैठकें लगातार जारी है| बता दे की
इससे पहले सोमवार को जब चीन के नियंत्रण वाले हिस्से मोल्डो में बैठक हुई थी| भारत ने चीन से साफ शब्दों में कह दिया कि वो 5 मई से पहले जिस जगह पर था, उस जगह पर वापस लौटे.अब खबर है कि दोनों देशों में इसको लेकर सहमति भी बनी है|
सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने लेह में सेना के अस्पताल में घायल जवानों से मिले, उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया| साथ ही सेना प्रमुख ने कहा कि आपने बढ़िया काम किया, लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है बता दें कि अस्पताल के दौरे के बाद कॉर्प्स कमांडर सेना प्रमुख को हालात की जानकारी देंगे.
सोमवार को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के दौरान भारत ने चीन से एलएसी से सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा मांगी | गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच यह बड़ी बातचीत हुई| हलाकि इसका मकसद एलएसी पर पहले वाली स्थिति को बनाए रखना है|
दोनों देशों में तनाव 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद से बढ़ गया| गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारत और चीन के सैनिकों में खूनी संघर्ष हुआ था| इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे| जबकि चीन ने आंकड़े भी नहीं जारी किए |
दोनों देशों में तनाव 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद से बढ़ गया| गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारत और चीन के सैनिकों में खूनी संघर्ष हुआ था| इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे| जबकि चीन ने आंकड़े भी नहीं जारी किए |