मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें 33 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें भूमि सर्वेक्षण और बंदोबस्त के पुराने नियमों में संशोधन शामिल था।
इस संशोधन के तहत भूमि मालिकों को राहत देते हुए जरूरी दस्तावेज जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। अब रैयतों को दस्तावेज जमा करने के लिए 180 कार्यदिवस यानी 6 महीने का समय मिलेगा।
इतनी बढ़ी सीमा
संशोधित नियमों के अनुसार, अब रैयतों को नक्शा सत्यापन के लिए 90 दिन, आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 60 दिन और आपत्तियों के समाधान के लिए 60 दिन का समय दिया जाएगा। इसके साथ ही, अधिकार दस्तावेज के अंतिम प्रकाशन के बाद दावे प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाकर 90 दिन कर दी गई है।
नए नियमों से रैयतों को फायदा
बिहार में स्पेशल लैंड सर्वे का काम जारी है, जिसकी पहली चरण में ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वे किया जा रहा है। हालांकि, इस प्रक्रिया में जमीन मालिकों को दस्तावेज से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने मौजूदा नियमों में संशोधन कर भूमि मालिकों को बड़ी राहत प्रदान की है।