कौन थे IPS हर्षवर्धन? जिनकी पहली पोस्टिंग बनी आखिरी, जॉइनिंग के लिए जाते समय सड़क दुर्घटना में मौत

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कर्नाटक के हासन जिले में एक दुखद सड़क दुर्घटना में एक IPS अफसर की जान चली गई। यह हादसा हासन तालुक के किट्टाने गांव के पास हुआ, जहां सड़क पर टायर फटने के बाद कार नियंत्रण से बाहर हो गई और सड़क किनारे खड़े एक पेड़ और मकान से टकरा गई। मृतक अफसर की पहचान हर्षवर्धन के रूप में हुई है, जो कर्नाटका कैडर के 2023 बैच के प्रोबेशनरी IPS अधिकारी थे।

हर्षवर्धन अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अपनी पहली पोस्टिंग पर जा रहे थे। हादसे के समय वे सहायक पुलिस अधीक्षक (Assistant Superintendent of Police) के रूप में हासन में अपनी पोस्टिंग जॉइन करने के लिए जा रहे थे। दुर्घटना के बाद उन्हें तुरंत फर्स्ट ऐड दी गई और अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन सिर में गंभीर चोट लगने के कारण खून की अत्यधिक कमी हो गई और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। हादसे में उनके ड्राइवर मंजेगौड़ा को मामूली चोटें आईं।

पहली पोस्टिंग बनी आखिरी

पुलिस जांच में यह पाया गया कि हादसा कार के टायर के फटने के कारण हुआ था, जिससे वाहन का संतुलन बिगड़ गया और वह सड़क किनारे पेड़ और मकान से टकरा गई। हादसे के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। यह एक दुखद घटना है, जिसमें एक नए और उम्मीदों से भरे अफसर की जान चली गई।

2023 बैच के अधिकारी थे हर्षवर्धन

हर्षवर्धन कर्नाटक कैडर के 2023 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और उनका परिवार मूल रूप से बिहार का रहने वाला था। हालांकि, उनका परिवार मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में रहता था। उनके पिता, अभिषेक सिंह, सिंगरौली जिले के SDM (Sub-Divisional Magistrate) हैं।

पहले प्रयास में ही क्रैक किया था UPSC

हर्षवर्धन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की। हर्षवर्धन ने UPSC परीक्षा को पहले प्रयास में ही क्रैक किया और 153वीं रैंक प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने IPS अफसर बनने का निर्णय लिया और अपनी मेहनत के दम पर सफलता हासिल की।

हर्षवर्धन ने मैसूर स्थित पुलिस अकादमी में चार हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी की थी, और वह अपने करियर की पहली पोस्टिंग पर हासन जा रहे थे। यह उनकी नई शुरुआत थी, लेकिन दुर्भाग्यवश यह यात्रा हादसे का शिकार हो गई। उनकी मौत ने उनके परिवार और दोस्तों को गहरा दुख पहुंचाया है। हर्षवर्धन की मेहनत और कड़ी संघर्ष को देखते हुए उनकी मौत ने एक उज्जवल भविष्य को स्याह कर दिया।

हर्षवर्धन की आकस्मिक मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे पुलिस विभाग को भी शोकाकुल कर दिया है। उनकी कहानी एक प्रेरणा थी, जिसमें उन्होंने UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पहले प्रयास में ही पार किया और आईपीएस अफसर बनने का सपना पूरा किया। लेकिन जीवन ने उन्हें बहुत जल्द हमसे छीन लिया। इस दुर्घटना ने यह साबित किया कि जीवन कितनी भी ऊंचाइयों तक पहुंचे, अचानक एक घटना सब कुछ बदल सकती है।