किसान ने अपनी लकी कार को दी समाधि, जानें क्या है ये खास मामला

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गुजरात के अमरेली जिले के एक छोटे से गांव पाडरशिंगा में एक किसान ने अपनी कार को बड़े श्रद्धा भाव से समाधि दे दी, जिससे यह घटना न सिर्फ गांव, बल्कि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई। संजय पोलरा नामक किसान ने अपनी “लकी कार” को खेत में समाधि देने का निर्णय लिया और इस विशेष अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया, जिसमें करीब 1500 लोग शामिल हुए।

संजय पोलरा का मानना है कि 2006 में खरीदी गई उनकी यह कार उनके जीवन का अहम हिस्सा बन गई थी। उन्होंने महसूस किया कि जब से इस कार ने उनकी जिंदगी में कदम रखा, तब से उनके जीवन में तरक्की आई, खेती में सुधार हुआ, उत्पादन बढ़ा और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई। पोलरा के अनुसार, यह कार सिर्फ एक साधारण वाहन नहीं थी, बल्कि यह उनके लिए एक शुभ प्रतीक बन गई थी। उन्हें विश्वास था कि इस कार के कारण ही उनका जीवन बेहतर हुआ, और समाज में उनकी प्रतिष्ठा भी बढ़ी।

किसान संजय पोलरा ने यह तय किया कि वे इस कार को बेचने या म्यूजियम में रखने की बजाय इसे हमेशा के लिए एक यादगार बनाने के लिए समाधि देंगे। इसके बाद उन्होंने अपने गांववालों के साथ इस कार को खेत में दफनाने का निर्णय लिया।

एक अनोखी दावत का आयोजन

इस खास मौके पर संजय पोलरा ने अपने परिवार, दोस्तों और गांववालों के अलावा करीब 2000 लोगों को आमंत्रित किया। इस आयोजन के लिए एक विशेष चार पन्नों का आमंत्रण कार्ड भी तैयार किया गया था। कार्यक्रम में शामिल लोगों को स्वादिष्ट पकवानों का स्वाद चखने का अवसर मिला, जिसमें पूड़ी, रोटी, लड्डू, सब्जी और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन शामिल थे। गांववाले इस आयोजन से काफी प्रभावित थे और उन्होंने इसे संजय पोलरा की अपने “लकी कार” के प्रति आभार व्यक्त करने का एक अनोखा तरीका माना।

भविष्य में यह परंपरा बन सकती है उदाहरण

संजय पोलरा का यह कदम निश्चित रूप से गांववासियों के लिए एक प्रेरणा बन गया है। इस प्रकार के अनोखे आयोजनों से यह साबित होता है कि व्यक्ति अपनी मेहनत और आस्था से न सिर्फ अपनी किस्मत बदल सकता है, बल्कि समाज में एक नई सोच को भी जन्म दे सकता है। यह आयोजन आने वाले समय में चर्चा का विषय बना रहेगा और अन्य लोग भी इससे प्रेरित हो सकते हैं।