Supreme Court : भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI), जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, 10 नवंबर 2024 को अपने दो साल के कार्यकाल को समाप्त कर रिटायर हो जाएंगे। 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक फेयरवेल कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने अपनी न्यायिक यात्रा की यादें साझा की और उन दिनों को याद किया जब उन्होंने वकालत में कदम रखा था। उनकी विदाई के समय कोर्ट परिसर में भावनात्मक माहौल था, और वहां उपस्थित सभी सीनियर एडवोकेट्स, जजेस और वकील उनके योगदान और व्यक्तित्व की सराहना करते हुए इमोशनल हो गए।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपनी फेयरवेल स्पीच में उन दिनों को याद किया जब वे सुप्रीम कोर्ट में एक युवा वकील के रूप में आया करते थे। उन्होंने बताया कि जब वे छोटे थे, तो सुप्रीम कोर्ट में आते थे और वहां लगी दो तस्वीरों को देखा करते थे। यह उनकी शुरुआती प्रेरणाओं का हिस्सा था। उन्होंने हंसी-खुशी यह भी साझा किया कि रात को वे सोचते थे कि एक दिन आएगा जब वे खुद को कोर्ट की स्क्रीन पर देखेंगे।
इस मौके पर सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस चंद्रचूड़ की अद्वितीय धैर्य क्षमता की सराहना करते हुए कहा, “मैंने ऐसा कोई जज नहीं देखा जिनका धैर्य इतना असीम हो, लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ में यह विशेषता है।” उन्होंने आगे कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ हमेशा मुस्कुराते रहते हैं, और उनका शांत और धैर्यपूर्ण रवैया कोर्ट में मौजूद हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत रहा है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने भी जस्टिस चंद्रचूड़ की इस विशेषता का उल्लेख किया, और मजाक करते हुए उनसे उनकी युवावस्था का रहस्य पूछा। सिंघवी ने कहा, “हर कोई कहता है कि आप हमेशा जवान दिखते हैं, और आपका यह युवा रूप हमें बुजुर्ग होने का एहसास कराता है। तो बताइए, इस रहस्य का क्या है?” इस सवाल ने कोर्ट में मौजूद सभी लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी जस्टिस चंद्रचूड़ की सराहना करते हुए कहा कि वे हमेशा न्याय में निष्पक्ष रहे हैं और उनके निर्णयों में पूरी तरह से निष्पक्षता और इंटेलिजेंस का तत्व रहता था। उन्होंने यह भी कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ के फैसले हमेशा सही दिशा में होते थे, जो समाज के प्रति उनके योगदान को रेखांकित करते हैं।
तुषार मेहता ने कहा, “यह आखिरी बार था जब हम जस्टिस चंद्रचूड़ के सामने कोर्ट में बोल रहे हैं। हमे हमेशा आपके सामने पेश होकर गर्व महसूस हुआ। आपकी विद्वता और निष्पक्षता के कारण कभी भी आपसे झिझक महसूस नहीं हुई। मुझे पूरा यकीन है कि डी.वाई. चंद्रचूड़ (DYC) को हमेशा याद किया जाएगा।”
इस फेयरवेल के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ की निष्पक्षता और बेजोड़ विद्वता की भी कई वकीलों ने सराहना की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके फैसलों से न सिर्फ कानून की गरिमा बनी रहे, बल्कि समाज में भी न्याय का एहसास हो। इस दौरान उनके साथ काम कर चुके वकीलों ने उनके साथ बिताए गए समय को याद करते हुए, उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण फैसलों को भी उजागर किया।