Ujjain Simhastha: सिंहस्थ 2028 से जुड़ी 19 पहलों के लिए 5,882 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है। यह मंजूरी इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी की पहली बैठक में दी गई। बैठक में जल संसाधन, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति और पुरातत्व विभागों की परियोजनाओं को मंजूरी मिली।
आगंतुकों की संख्या और चुनौतियाँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 12 साल में होने वाला सिंहस्थ समारोह सभी को एक साथ लाता है। उन्होंने बताया कि इस बार करीब 15 करोड़ आगंतुकों के आने की उम्मीद है, जिससे उज्जैन में कुशल यातायात व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी।
स्वीकृत परियोजनाएँ
कैबिनेट समिति ने सिंहस्थ 2028 के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें शामिल हैं:
- घाटों का निर्माण: 29.21 किलोमीटर लंबे घाटों के निर्माण पर 778.91 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- कान्ह नदी का डायवर्जन: 30.15 किलोमीटर के इस परियोजना की लागत 1,024.95 करोड़ रुपये है।
- क्षिप्रा नदी पर बांध: सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी बांध के निर्माण के लिए 614.53 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
जल विनियमन के लिए बैराज
क्षिप्रा नदी पर 14 और कान्ह नदी पर 11 प्रस्तावित बैराजों को भी मंजूरी दी गई है, जिनकी लागत क्रमशः 74.67 करोड़ रुपये और 43.51 करोड़ रुपये है।
अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएँ
अन्य स्वीकृत परियोजनाओं में शामिल हैं:
- उज्जैन शहर सीवरेज परियोजना: 198 करोड़ रुपये का आवंटन।
- ईएचवी सबस्टेशन: 250 करोड़ रुपये की लागत से अल्ट्रा-हाई-प्रेशर कार्य के लिए नया सबस्टेशन।
- सड़क निर्माण: शंकराचार्य चौराहे से दत्त अखाड़ा और अन्य मार्गों के लिए 18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
विकास कार्यों की सूची
साथ ही, खाक-चौक, वीर सावरकर चौराहा, और गढ़कालिका के मार्गों का उन्नयन, क्षिप्रा नदी पर पुल का निर्माण, और अन्य सुरक्षात्मक कार्यों को भी मंजूरी मिली है। इनमें सिद्धवरकूट से कैलाश खोह तक एक सस्पेंशन ब्रिज और ओंकारेश्वर घाट से सिद्धवरकूट तक पहुंच मार्ग शामिल हैं।
568 परियोजनाओं के प्रस्ताव
नगरीय प्रशासन और आवास के अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि 18 विभागों से 568 परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनकी अनुमानित लागत 15,567 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इंदौर के लवकुश चौराहे को उज्जैन से जोड़ने वाली एक नई मेट्रो लाइन के सर्वेक्षण का काम दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को सौंपा है।