Baba Siddiqui Murder: एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्हें तीन गोलियां लगीं, जिसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह घटना बांद्रा के खेरवाड़ी सिग्नल के पास निर्मल नगर में हुई, जहां उनके बेटे जीशान का ऑफिस स्थित है।
हत्या के कारणों की जांच
बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिस इस मामले में हत्या के कारणों की खोज में जुटी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, स्लम रिडेवलपमेंट अथॉरिटी (एसआरए) से संबंधित विवाद उनकी हत्या का कारण हो सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जीशान सिद्दीकी इस मामले का विरोध कर रहे थे, जो उनके पिता के लिए खतरे की स्थिति उत्पन्न कर सकता था।
ईडी की कार्रवाई और संपत्ति जब्ती
2018 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बाबा सिद्दीकी की 462 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया था। यह संपत्ति बांद्रा वेस्ट में स्थित थी और पीएमएलए के तहत जब्त की गई थी। ईडी ने यह जांच की थी कि क्या उन्होंने 2000 से 2004 के बीच महाराष्ट्र हाउसिंग और एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन रहते हुए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था।
स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट का विवाद
सिद्धांत के अनुसार, बाबा सिद्दीकी पर आरोप था कि उन्होंने पिरामिड डेवेलपर्स को बांद्रा में विकसित हो रहे स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) प्रोजेक्ट में मदद की थी। यह मामला 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित बताया गया है। इस मामले में जीशान सिद्दीकी के विरोध को भी हत्या का एक संभावित कारण माना जा रहा है।
कानूनी संदर्भ और पूर्व की कार्रवाई
2014 में मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी के खिलाफ एक केस दर्ज किया था। ईडी को संदेह था कि 2000 करोड़ रुपये के इस स्लम घोटाले में एक कंपनी, जो उनके नाम पर थी, उनकी मुखौटा कंपनी हो सकती है। यह मामला अब्दुल सलाम नाम के एक व्यक्ति की शिकायत पर शुरू हुआ, जिसमें एसआरए प्रोजेक्ट में कथित अनियमितताओं के लिए बाबा सिद्दीकी और 150 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।