Ratan Tata: नहीं रहे रतन टाटा, मुंबई के एक अस्पताल में ली आखिरी सांस

Meghraj
Published on:

Ratan Tata: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उन्होंने 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ समय से वह बीमार थे, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

हाल ही में, 7 अक्टूबर को मीडिया में खबर आई थी कि रतन टाटा ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती हैं, जहाँ उनका रक्तचाप बहुत कम हो गया था। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं ठीक हूं। बढ़ती उम्र के कारण मैं रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल गया था। चिंता की कोई बात नहीं है।”

पीएम मोदी ने जताया दुख

रक्षा मंत्री ने जताया दुख

रतन टाटा ने 2012 में टाटा समूह का नेतृत्व छोड़ने का निर्णय लिया था, जब वह 78 वर्ष के थे। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने कई सफलताएँ हासिल कीं, जिनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को इंफोसिस और विप्रो से आगे लाना शामिल है।

उनकी प्रमुख उपलब्धियों में से एक टाटा नैनो का लॉन्च था, जिसे उन्होंने आम लोगों के कार के सपने को साकार करने के लिए केवल 1 लाख रुपये की कीमत पर पेश किया। उन्होंने कई वैश्विक कंपनियों का अधिग्रहण करके टाटा समूह के पोर्टफोलियो को मजबूत किया, जैसे कि 2000 में टेटली को 450 मिलियन डॉलर में और 2007 में कोरस को 6.2 अरब पाउंड में खरीदा। 2008 में, उन्होंने जगुआर लैंड रोवर को 2.3 अरब डॉलर में खरीदकर उद्योग में हलचल मचा दी। रतन टाटा का योगदान और नेतृत्व हमेशा याद किया जाएगा, और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।