इन देशों में उम्र दर सबसे ज्यादा, टॉप 10 में भी भारत का नाम नहीं

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हाल ही में एक अध्ययन ने बताया है कि लोगों की उम्र में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है, जबकि चिकित्सा प्रौद्योगिकी और आनुवंशिक अनुसंधान के क्षेत्र में प्रगति के बावजूद, 100 वर्ष की आयु तक पहुंचने वालों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। यह अध्ययन नेचर एजिंग पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसमें शोधकर्ताओं ने कहा है कि दीर्घकालिक जीवन वाले देशों में भी, लोगों की उम्र में बढ़ोतरी नहीं हो रही है।

जीवन प्रत्याशा का महत्व

जीवन प्रत्याशा एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य माप है, जो यह बताती है कि किसी वर्ष में जन्मे बच्चे की औसत आयु कितनी होगी, यदि मृत्यु दर स्थिर रहती है। यह आंकड़ा कई अप्रत्याशित घटनाओं का हिसाब नहीं देता, जैसे महामारी या चिकित्सा के चमत्कार।

लंबी उम्र वाले देशों का अध्ययन

शोधकर्ताओं ने 1990 से 2019 के बीच जीवन प्रत्याशा के आंकड़ों का अध्ययन किया और उन आठ देशों पर ध्यान केंद्रित किया जहां लोग सबसे लंबे समय तक जीवित रहते हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, हांगकांग, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, स्पेन और स्विटजरलैंड शामिल हैं। शोध में पाया गया कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रह रही हैं, हालांकि अमेरिका में जीवन प्रत्याशा में सुधार धीमा हो रहा है।

अमेरिका की स्थिति चिंताजनक

अमेरिका में जीवन प्रत्याशा में गिरावट आ रही है, जिसका कारण नशीली दवाओं की लत, गोलीबारी, मोटापा और सामाजिक असमानता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की स्थिति निराशाजनक है और जीवन प्रत्याशा में सुधार स्थायी नहीं हो सकता।

100 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले लोग

अध्ययन के अनुसार, 2019 में अमेरिका में केवल 2 प्रतिशत लोग 100 वर्ष तक जीवित रह पाए, जबकि जापान में यह आंकड़ा लगभग 5 प्रतिशत और हांगकांग में 9 प्रतिशत है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में 100 वर्ष तक जीवित रहने वालों की संख्या बढ़ेगी, लेकिन इसका प्रतिशत सीमित रहेगा।

हालांकि 100 वर्ष तक पहुंचने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, इसका मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि होगी। अधिकांश देशों में, 15 प्रतिशत से कम महिलाएं और 5 प्रतिशत पुरुष ही इस आयु को प्राप्त कर पाएंगे।