Inflation in India: अभी खत्म नहीं हुई है RBI की परेशानी, गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- ये है दुश्मन नंबर वन

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By Srashti BisenPublished On: September 14, 2024

Inflation in India: महंगाई में कमी की ओर इशारा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में महंगाई की स्थिति पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने बताया कि भारत में महंगाई की दर में पिछले कुछ समय से कमी आई है, लेकिन यह अभी भी पूर्ण रूप से नियंत्रित नहीं हुई है। अगस्त 2024 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर 3.65 फीसदी रही, जो कि एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन गवर्नर दास ने इस पर सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई है।


महंगाई का ऐतिहासिक संदर्भ ब्रेटन वुड्स कमेटी के ‘फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024’ कार्यक्रम में बोलते हुए, गवर्नर दास ने कहा कि अप्रैल 2022 में भारत की महंगाई 7.8 फीसदी तक पहुंच गई थी। हालाँकि, हाल के दिनों में महंगाई में काफी कमी आई है और यह 4 फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे रही है। दास ने इस सुधार को सकारात्मक बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अभी पूरी तरह से राहत नहीं मिली है और महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

भविष्यवाणियाँ और अनुमान आरबीआई ने भविष्यवाणी की है कि वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 5.4 फीसदी रहने की संभावना है। इसके बाद, वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई की दर 4.5 फीसदी और वित्त वर्ष 2025-26 में 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है। ये आंकड़े महंगाई में निरंतर कमी की ओर इशारा करते हैं, लेकिन पूरी स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए निगरानी और प्रयास जारी रहेंगे।

बैंकों पर बढ़ा दबाव गवर्नर दास ने बताया कि हाल के समय में महंगाई और डॉलर की बढ़ती कीमतों के कारण बैंकों पर मौद्रिक नीति और प्रबंधन को लेकर दबाव बढ़ा है। बैंकों ने रियल सेक्टर के लिए कर्ज देने में सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। दास ने बताया कि आरबीआई मौद्रिक नीति के प्रबंधन में सावधानीपूर्वक निर्णय लेगा, ताकि आर्थिक स्थिरता बनाए रखी जा सके।

ब्याज दरों में संभावित बदलाव की उम्मीद बाजार लंबे समय से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगाए हुए है, खासकर अमेरिका के फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बदलाव के संकेतों के बाद। हालांकि, भारत में आरबीआई द्वारा महंगाई पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिससे आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।