वर्षाकाल के दौरान स्कूली वाहनों के सुरक्षात्मक संचालन हेतु आवश्यक सावधानियां बरतने के दिए निर्देश

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वर्षाकाल के दौरान अतिवर्षा एवं बाढ़ से बचाव की तैयारियों एवं स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशानुसार परिवहन विभाग द्वारा जिले के शैक्षणिक संस्थानों के स्वामियों/प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इन्दौर में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी  प्रदीप कुमार शर्मा तथा सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अर्चना मिश्रा द्वारा बैठक ली गई।

बैठक में अधिकारियों द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों के परिवहन हेतु उपयोग में लायी जाने वाली प्रायवेट वेन, मेजिक, ऑटो रिक्शा इत्यादि वाहनों की अद्यतन जानकारी जैसे वाहन क्रमांक, ड्रायवर का नाम, मोबाईल नम्बर इत्यादि एकत्रित कर परिवहन कार्यालय में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा पालकों को भी इस संबंध में छात्र-छात्राओं के सुरक्षित परिवहन हेतु जागृत करने के लिये कहा गया। बताया गया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की सुरक्षा स्क्वाड द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में आकस्मिक चैकिंग की जाएगी। शैक्षणिक संस्थानों के स्वामियों/प्रतिनिधियों को वर्षाकाल के दौरान वाहनों के सुरक्षात्मक संचालन हेतु सावधानियां बरतने हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में शैक्षणिक संस्थानों को निर्देशित किया गया कि वे उच्चतम न्यायालय द्वारा शैक्षणिक संस्था वाहनों के संबंध में जारी 16 बिन्दुओं का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। मार्ग के मध्य पड़ने वाली पुल पुलिया पर पानी का बहाव होने पर वाहन को पार नहीं करें। वाहन के ब्रेक एवं स्टेयरिंग आदि दुरूस्त रखें। वाहनों को नियंत्रित गति से संचालित करें। वाहन में समस्त तकनीकी कार्य पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें। वाहनों के फ्रन्ट विन्ड शील्ड पर वाइपर एवं ब्रेक लाईट, फॉगलेम्प, इंडिकेटर, हेडलाईट सुचारू रूप से कार्य कर रहे हो, यह सुनिश्चित किया जाये। पुल पुलिया पर लगे संकेतकों को ध्यान से पढे एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई चेतावनी का पालन करें। वाहन चालक ड्रायविंग करते समय मोबाईल पर बात नहीं करें। वाहन चालक ड्रायविंग करते समय सीट बेल्ट अनिवार्य रूप से लगाकर रखें।

निर्देशित किया गया कि सभी शैक्षणिक संस्थान की बसों में महिला कण्डक्टर अनिवार्य रूप से रखें। वाहन में प्रवेश व निर्गम द्वार पृथक-पृथक एवं आपात द्वार ठीक से खुल रहे हो, उसे खोलने में कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसका ध्यान रखा जाये। वाहन में अग्निशमन यंत्र (चालू हालत में) एवं प्राथमिक उपचार पेटी होना आवश्यक है। वाहन के वैद्य दस्तावेज (पंजीयन प्रमाण पत्र, बीमा, फिटनेस एवं परमिट) होने पर ही वाहन का संचालन करें। चालक का लायसेंस वैद्य हो एवं शैक्षणिक यान चलाने के लिये प्राथिकृत होना अनिवार्य है। चालक वाहन की ड्रायविंग सीट पर बैठने के पूर्व अपना मोबाईल परिचालक को सौंप दें, किसी भी दशा में वाहन चलाते वक्त मोबाईल का उपयोग न करें। बारिश के दौरान रोड पर वाहनों से थोड़ी ज्यादा डिस्टेंस रखें ताकि जरूरत पड़ने पर वाहन को आराम से रोका जा सकें। बारिश के दौरान कभी भी हैवी ब्रेक नहीं लगायें, जिससे वाहन फिसलने का खतरा हो। खराब टायरों की वजह से वाहन फिसलने का डर बना रहता है इसलिए टायरों की जांच करा लें और जरूरत हो तो उन्हें बदलवा लें। समय-समय पर एयर प्रेशर चेक करते रहें, स्टेपनी के लिए अलग से गाड़ी में रखा टायर भी चेक करायें।